हजारों रुपयों से भरी थैली लौटाई, युवक ने दिया इमानदारी का परिचय

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धामणगांव रेलवे (सं). बदलते जमाने में पैसे कमाने के लिए अनाब-शनाब तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. आर्थिक सुरक्षा और पुख्ता करने के लिए आनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहां भी ठगी करनेवालों की कमी नहीं है. अक्सर इस प्रकार की घटनाओं से लगता है कि अब इमानदारी लुप्त होती जा रहीं है. लेकिन शहर में एक ऐसी घटना घटी जिससे आज भी जमाने में इमानदारी कायम होने की झलक देखने को मिली. तहसील के समीपस्थ देवगांव निवासी अंकुश गाड़ेकर ने एक बुजुर्ग की बीच रास्ते में गिरकर खो गई  21 हजार नगद राशि से भरी थैली को पुलिस को सौंपकर इमानदारी का परिचय दिया है.

बुजुर्ग को लौटाई राशि

सोमवार की दोपहरी 4 बजें अंकुश गाड़ेकर अपनी पत्नी के साथ शहर के तिलक चौक से जा रहे थे. तब उनकी नजर रास्ते पर पड़ी एक थैली पर पड़ी. शंका कुशंका के दौर में रास्ते पर गिरे हुए किसी भी वस्तु को कोई हाथ नहीं लगाता, फिर भी अंकुश ने उस थैली को उठाकर देखा. उसमें बढ़ी रकम के साथ बैंक पासबुक पाया. अंकुश ने क्षणभर भी विलंब ना करते हुए दत्तापुर पुलिस स्टेशन पहुंचकर थानेदार हेमंत ठाकरे को घटना की जानकारी दी. हेमंत ठाकरे ने उस थैली से वह बैंक पासबुक निकालकर निर्देशित नाम सुभाष नथ्थुजी मोरे (70, निवासी कावली (वसाड़)) से संपर्क कर उनकी ऐसी कोई थैली खोने के बारे में जानकारी ली. तसल्ली के बाद थानेदार ने उन्हें तुरंत दत्तापुर पुलिस स्टेशन आने को कहां.

बुजुर्ग ने ली राहत की सांस

मोरे ने तुरंत दत्तापुर पुलिस स्टेशन पहुंचकर अपना परिचय दिया और उक्त राशि उनकी मेहनत से कमाई की जानकारी दी़  खोए हुई राशि प्राप्त होते ही बुजुर्ग के चेहरे पर मुस्कान दिखाई देने के साथ राहत की सांस ली़ जिसके पश्चात अंकुश गाड़ेकर का शुक्रिया अदा कर थानेदार हेमंत ठाकरे को भी धन्यवाद दिया. इस कारवाई में पुलिस निरीक्षक विष्णुपंत राठोड़ तथा संदीप तिरपुड़े ने अपना दायित्व निभाया. वर्तमान की भटकी युवापीढ़ी के लिए एक उम्दा मिसाल कायम करने के लिए थानेदार हेमंत ठाकरे ने अंकुश गाडेकर को गौरवान्वित किया.