Riddhpur Station

Loading

रिद्धपुर (सं). नागपुर के रेलवे प्रबंधक कार्यालय के रेल अधिकारियों द्वारा रिद्धपुर रेलवे स्टेशन के नियोजित स्थान का दोबारा सर्वे किया गया. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बजट अधिवेशन में रिद्धपुर मराठी विश्वविद्यालय की घोषणा किए जाने के बाद पिछले महीने रिद्धपुर दौरा किया था. उस समय गोविंद प्रभु तीर्थ स्थान सेवा समिति की ओर से उन्हें एक ज्ञापन दिया गया. जिसमें भारत वर्ष से रिद्धपुर पहुंचने वाले यात्रियों की समस्याओं को लेकर रिद्धपुर में रेलवे स्टेशन किए जाने की मांग दोहराई गई. उपमुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को लेते हुए केंद्रीय रेलवे मंत्री दिल्ली को पत्र लिखा. संभवत: इसी पत्र के बाद रेलवे अधिकारियों द्वारा यह दौरा करने का अनुमान है. 

दिल्ली भेजेंगे सर्वे रिपोर्ट

पिछले 10 वर्षों से रिद्धपुर रेलवे स्टेशन को लेकर सांसद रामदास  तडस (वर्धा), राज्यसभा सांसद डॉ अनिल बोंडे, सांसद नवनीत राणा ने यह मुद्दा संसद में उपस्थित किया. केंद्रीय सड़क निर्माण मंत्री नितिन गडकरी ने भी  रेलवे मंत्री को रिद्धपुर पहुंचने वाले यात्रियों की समस्या से अवगत करवाया. बावजूद इसके यह मुद्दा अभी तक हल नहीं हो पाया है. हालांकि, अब अधिकारियों के दोबारा सर्वे से फिर उम्मीद जागी है. अधिकारियों से जानकारी मिली है कि यह सर्वे दिल्ली भेजा जाएगा. तब कहीं जाकर रिद्धपुर रेलवे स्टेशन बनाने पर मोहर लगाई जाएगी.

महानुभव पंथ का श्रद्धा स्थान है रिद्धपुर

रिद्धपुर महानुभव पंथ के भगवान गोविंद प्रभु की कर्मभूमि रही है. यही कारण है कि यहां पर आज भी 300 के लगभग गोविंद प्रभु चरण अंकित मंदिर मौजूद हैं. जिसके लिए भारतवर्ष से सैकड़ों की संख्या में यात्री आते हैं. यहां तक की बाहर देश से भी श्रद्धालु यहां अपना मत्था टेकने आते हैं. यहां रेलवे स्टेशन को लेकर गोविंद प्रभु तृतीय स्थान सेवा समिति पिछले कई वर्षों से केंद्रीय रेलवे मंत्री से संपर्क बनाए हुए हैं. यहां तक की स्टेशन की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन, अर्ध दफन आंदोलन, आमरण अनशन भी किया गया. लेकिन यह मुद्दा अभी तक हल नहीं हो पाया है. ग्राम रिद्धपुर नागपुर हाईवे रोड पर होने के साथ-साथ करीब 20  कस्बों से जुड़ा है.

जिसमें जालनापुर, आष्टोली, तरोडा, खेड़, डोमक, कोलवीहीर, विष्णोरा, उदखेड तलेगांव, ब्रह्मणवाड़ा (दिवे), दाभेरी, बुर्हानपुर, विचोरी, अडगांव आदि कस्बे आते हैं. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय का उपकेंद्र यहां पर होने के साथ-साथ हाल ही में मराठी विश्वविद्यालय की भी घोषणा कर दी गई है. जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. आने वाले समय में श्रद्धालुओं के साथ-साथ यात्रियों की भी काफी आवाजाही रहने की संभावना है, इसीलिए रेलवे स्टेशन का होना बहुत जरूरी है.