अमरावती. महानगर पालिका के प्रभाग रचना का प्रारूप रद्द होता है अथवा जस का तस रखा जाता है, या उसमें बदलाव के आदेश जारी होते है. यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है. इस मामले की गेंद अब चुनाव आयोग के पाले में है. जिससे सभी की नजरें इलेक्शन कमिश्नर के फैसले पर टिकी है. अभी तक इस मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसी जानकारी बुधवार को मुंबई से लौटे निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने दी.
कार्रवाई की जानकारी दी
निगमायुक्त रोडे ने बताया कि सोमवार को वे स्वयं आयोग के समक्ष पेश हुए व महानगर पालिका के प्रभाग रचना का गोपनीय प्रारूप चुनाव आयोग के पास पहुंचने से पहले ही मीडिया में लीक किया गया. इस मामले में प्रभाग रचना समिति में शामिल दो सहायक इंजीनियरों को सस्पेंड कर एक अन्य ठेका कर्मी को सेवा मुक्त कर कार्रवाई की गई है. यह जानकारी राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त यूपीएस मदान को दी. अब आगे का निर्णय चुनाव आयुक्त लेंगे.
काम करने का मूड नहीं रहा
अमरावती महानगर पालिका में काम करने का मुड़ अब नहीं रहा. ऐसे शब्दों में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए आयुक्त रोडे ने कटाक्ष किया कि, मनपा में जो जानकारी गोपनीय रखनी है, वह कभी गोपनीय ही नहीं रहती. कई अधिकारी कर्मचारी अपने काम ईमानदारी से नहीं करते. जिससे काम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
चुनाव की जानकारी गोपनीय प्रक्रिया का हिस्सा होती है. आगामी दिनों में मनपा चुनाव प्रस्तावित है. ऐसे में जिन पर जिम्मेदारी है. वहीं अपना काम ढंग से नहीं करेंगे, वरिष्ठों के जारी आदेश, नियमावलि व गोपनीयता का पालन नहीं होंगा तो ऐसे लोगों के साथ काम कैसे किया जा सकता है.
अभी दिया नहीं तबादले का पत्र
बुधवार को निगमायुक्त ने बताया कि अब अमरावती मनपा में काम करने की इच्छा नहीं रही. तब उनसे पूछा गया कि, क्या आपने ऐसी बिनंती या तबादले संबंधि का कोई पत्र दिया है. तो इस का सवाल जवाब उन्होंने ना में दिया. लेकिन विचार कर रहा हूं, ऐसा कहकर अमरावती से जाने की तैयारी जरूर दिखा दी है.