अमरावती. व्याघ्र तस्कर आदीनासिंह उर्फ कल्ला बाबरिया आखिर मध्य प्रदेश के स्टेट टायगर स्ट्राइक फोर्स की जाल में शनिवार को फंस गया. अनेक दिनों से वह चकमा दे रहा था. 10 वर्ष पूर्व मेलघाट के शिकार मामले में उसका सहभाग था. तब से यह फरार था.
गडचिरोली व ताडोबा मामले में भी उसका सहभाग रहने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है. उसे मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम के विशेष न्यायालय में पेश करने पर चार दिनों की वनकस्टडी सुनाई है. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में वर्ष 2013 में हुए बाघ के शिकार मामले में उसका सहभाग था. तब वे वह फरार था.
व्याघ्र तस्कर आदीनसिंह उर्फ कल्ला बाबरिया यह 18 अगस्त को विदिशासागर इस राज्य मार्ग से जाने की गुप्त जानकारी मध्यप्रदेश स्टेट टायगर स्ट्राइक फोर्स को केंद्र के अंतर्गत आनेवाले वन्यजीव गुन्हे अपराध नियंत्रण व्यूरो द्वारा दी गई थी. जिसके चलते ग्यारस पूर्ण समीप जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार किया गया. उसे चार दिन की कस्टडी सुनाई है. कस्टडी दौरान देश के अनेक राज्य में किए गए बाघ शिकार का खुलासा होगा.