अमरावती. आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में व्याप्त रहने वाली विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए इससे पहले क्षेत्र के आदिवासियों द्वारा राज्य सरकार को कई बार ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं. साथ ही विगत 2 अक्टूबर को मेलघाट से मुंबई तक पदयात्रा निकालते हुए 14 से 21 अक्टूबर तक अनशन भी किया गया. लेकिन इसके बावजूद भी राज्य सरकार द्वारा मेलघाट की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा. ऐसे में अब मेलघाट से नागपुर शीतसत्र तक हजारों आदिवासियों का भव्य मोर्चा निकाला जाएगा. इस आशय की चेतावनी मेलघाटवासियों की ओर से सचिन गोरले द्वारा दी गई.
शालाओं में शिक्षकों की कमी
उन्होंने कहा कि मेलघाट की चिखलदरा तहसील में गणेश जयस्वाल नामक बोगस डॉक्टर विगत 20 वर्षों से प्रैक्टिस कर रहा है जिसकी कई बार जानकारी व शिकायत देने के बावजूद उक्त डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके अलावा नगर परिषद की शालाओं में शिक्षकों एवं शिक्षा में रहने वाली कमी को दूर करने के संदर्भ में भी अब तक कोई प्रयास नहीं किए गए.
शिकायतों की हो रही अनदेखी
साथ ही चिखलदरा नगर परिषद में प्रशासक व मुख्याधिकारी के मनमाने व भ्रष्ट कामकाज के संदर्भ में की गई शिकायत की भी अनदेखी की गई. इसके अलावा चिखलदरा सहित मेलघाट क्षेत्र की कई समस्याओं को दूर करने के संदर्भ में बार-बार निवेदन दिए जाने के बावजूद भी सरकार एवं प्रशासन द्वारा इस संदर्भ में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिससे मेलघाट में समस्याएं जस की तस बनी हुई है. जिन्हें दूर करने हेतु यदि सरकार एवं प्रशासन द्वारा फौरन ही कोई कदम नहीं उठाया जाता, तो नागपुर में होने वाले शीतसत्र में पहुंचने हेतु एक बार फिर मेलघाट से मंत्रालय तक पदयात्रा निकाली जाएगी जिसमें मेलघाट क्षेत्र के हजारों आदिवासी शामिल होंगे. पत्र परिषद में में प्रवीण धुर्वे, देवा डोंगरे, प्रेम थॉमस, विलास दामले, साबिर अहमद व अहिस खान आदि उपस्थित थे.