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बंबई उच्च न्यायालय File Photo

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    औरंगाबाद : राज्य में बहुचर्चित शिक्षक पात्रता टेस्ट (टीईटी) घोटाला (TET Scam) मामले में मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai High Court) के औरंगाबाद बेंच (Aurangabad Bench) में हुई सुनवाई में न्यायालय (Court) ने शिक्षकों (Teachers) को राहत प्रदान करते हुए अगले आदेश तक शिक्षकों की सेवा समाप्त न करते हुए उनका वेतन न रोकने के आदेश दिए। इस आदेश के साथ ही औरंगाबाद बेंच ने शिक्षकों के सालाना वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी। इस मामले को लेकर दायर याचिका पर अगली सुनवाई 14 नवंबर 2022 को होगी। 

    बता दे कि राज्य में बहुचर्चित शिक्षक पात्रता टेस्ट (टीईटी) घोटाला मामले में राज्य के 780 शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है। घोटाला उजागर होने के बाद इन सभी शिक्षकों को वेतन रोका गया है। इसको लेकर संबंधित शिक्षकों ने मुंबई खंडपीठ के औरंगाबाद बेंच का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले को लेकर दायर याचिका पर न्यायमूर्ति रविन्द्र घुगे और न्यायमूर्ति अरुण पेडणेकर के समक्ष सुनवाई हुई। सुनवाई में राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ शिक्षकों की ओर से एड. संभाजी टोपे ने पैरवी की। शिक्षकों का कहना है कि उन पर कार्रवाई करते समय उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया। शिक्षकों का आरोप है कि उन पर की गई कार्रवाई एक तरफा है। अल्पसंख्यक शिक्षण संस्था में टीईटी परीक्षा पास होना बंधनकारक नहीं है। साथ ही 8वीं कक्षा के आगे भी छात्रों को पढ़ाने के लिए पात्रता परीक्षा की जरुरत नहीं है। प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार कार्रवाई किए गए शिक्षकों को अपना पक्ष रखने का अधिकार होता है। परंतु, वैस न करते हुए राज्य सरकार ने कार्रवाई एक तरफा करने को लेकर कुछ शिक्षकों ने एड. संभाजी टोपे के माध्यम से औरंगाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 

    काम और वेतन नियमित जारी रखने के हाईकोर्ट के आदेश 

    हाईकोर्ट में टीईटी घोटाले पर हुई सुनवाई के बाद न्यायालय ने अगले आदेश तक शिक्षकों का काम और वेतन नियमित रुप से जारी रखने के आदेश राज्य सरकार को दिए। बता दे कि इससे पूर्व मुंबई उच्च न्यायालय और नागपुर खंडपीठ ने इससे पूर्व कुछ याचिकाओं में काम शुरु रखने का निर्देश दिया है। परंतु, औरंगाबाद खंडपीठ ने वेतन जारी रखने के दिए निर्देश का फायदा पूरे राज्य के शिक्षकों को होने की जानकारी शिक्षकों की ओर से पैरवी कर रहे एड. संभाजी टोपे ने दी।