नई दिल्ली/ मुंबई / औरंगाबाद. छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की जयंती की पूर्व संध्या पर पूरा औरंगाबाद शहर जैसे भगवा रंग और चेतना से सना दिखाई दिया। जी हाँ, कल देर रात को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा औरंगाबाद के क्रांति चौक पर घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी महाराज की 52 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण भी बेहद ही खास रहा। गौरतलब है कि यह सम्पूर्ण देश में छत्रपति शिवाजी महाराज की सबसे ऊंची मूर्ति है।
प्रतिमा अनावरण और राजनीती
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे और औरंगाबाद जिले के संरक्षक मंत्री सुभाष देसाई व्यक्तिगत रूप से इस कार्यक्रम में शामिल हुए । गौरतलब है कि औरंगाबाद के ऐतिहासिक क्रांति चौक पर महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के अनावरण के समय पर शिवप्रेमियों, मराठा क्रांति मोर्चा और भाजपा की आपत्तियों के बाद नगर निगम प्रशासन ने अनावरण का समय ही बदल दिया था।
क्रांती चौक येथील छत्रपती शिवाजी महाराज यांच्या अश्वारूढ पुतळ्याचा अनावरण सोहळा – LIVE https://t.co/f6bkxtht7l
— Shivsena Communication (@ShivsenaComms) February 18, 2022
दरअसल बीजेपी (BJP), मनसे (MNS) सहित कई शिवप्रेमी संगठनाओं ने देर रात प्रतिमा के अनावरण के आयोजित कार्यक्रम पर ऐतराज जताते हुए कड़ा विरोध किया था। लेकिन, राज्य सरकार ने दिए आदेश पर ही शुक्रवार की देर रात प्रतिमा का अनावरण हुआ।
प्रसिद्ध मूर्तिकार दीपक थोपटे की बेहतरीन कृति
आपको बता दें कि, छत्रपति शिवाजी महाराज की इस भव्य और शानदार घोड़े पर सवार हुई मूर्ति को पुणे के ही प्रसिद्ध मूर्तिकार दीपक थोपटे ने बनाया है। छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति इतनी सुंदर है कि लोग इसे भरसक देखते ही रह जाते हैं। इस वृहंगम दृश्य को देखने के लिए न सिर्फ औरंगाबाद के लोग बल्कि आसपास के इलाकों से भी कई लोग पहुंचे थे। वहीं प्रतिमा के अनावरण पर जय भवानी-जय शिवाजी गरज रहे थे।
ऐसी है भव्य मूर्ति
गौरतलब है कि प्रतिमा की ऊंचाई 21 फुट है। प्रतिमा का वजन सात टन है। मूर्ति के लिए कांस्य धातु का उपयोग किया गया है। वहीं प्रतिमा के चबूतरे की ऊंचाई 31 फुट है। इस चबूतरा (आधार) सहित प्रतिमा की कुल ऊंचाई कुल 52 फुट है। इसके साथ ही चबूतरे के चारों ओर 24 मेहराबों में 24 मावले की प्रतिकृतियां लगाई गई हैं। चबूतरे के चारों ओर एक शानदार फव्वारा बनाया गया है और एक हाथी की सूंड से भी पानी का फव्वारा निकलेगा। इस भव्य प्रतिमा के नर्मिाण पर कुल 98.00 लाख रुपये और चबूतरा के नर्मिाण के लिए 255.00 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।