Maratha Reservation no entry
नेताओं पर प्रतिबंध (डिजाइन फोटो)

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नांदेड़: महाराष्ट्र (Maharashtra News) में मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की आग अब भी सुलग रही है। इससे जुड़ी एक खबर नांदेड़ (Nanded News) से सामने आ रही है। बता दें कि राज्य में अब मराठा आरक्षण आंदोलन अब तेज होता नजर आ रहा है। मराठा प्रदर्शनकारी मनोज जरांगे पाटिल कई बार सरकार को समय दे चुके हैं लेकिन उनकी शर्तों पर आरक्षण की मांग पूरी नहीं हुई है।

इसके चलते नांदेड़ में आरक्षण मिलने तक राजनीतिक नेताओं को गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं (Leaders banned in Nanded village)  है। ग्रामीणों ने प्रतिबंध संबंधी बैनर लगाकर ऐसी शपथ ली है। आइए इस संबंध में जानते है पूरी जानकारी क्या है… 

Jarange Patil
मराठा आंदोलन

नेताओं को नो एंट्री 

जैसा कि हम सब जानते है की महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लिए समुदाय की लड़ाई अभी भी जारी है। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी समुदाय ने आरक्षण के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी है। नांदेड़ जिले (ओबीसी) के नायगांव तालुका के पलासगांव, तकलगांव गांवों के कुल मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण नहीं मिलेगा, तब तक के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान नेताओं के गांव में आने पर रोक लगा दी गई है और इतना ही नहीं बल्कि ऐसी शपथ ली गई। 

नेता मराठा होकर भी… 

चूंकि विधानसभा और लोकसभा में अधिकांश विधायक और सांसद मराठा समुदाय से हैं, इसलिए वे मराठा आरक्षण के संबंध में कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकते। सभी नेताओं के गांव में आने पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है। टाकळगांव, पलसगांव ग्राम पंचायत ने ग्राम सभा में नेताओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। ग्रामीणों ने एकजुट होकर शपथ ली है कि जब तक मराठा समाज को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक किसी भी राजनीतिक दल का नेता गांव में प्रवेश नहीं करेगा। ऐसे में अब नांदेड़ में आगामी लोकसभा चुनाव के प्रचार प्रसार के लिए यहां नेता कैसे आएंगे यह सवाल उठ रहा है।