AIMIM MP Sayed Imtiaz Jaleel
इम्तियाज जलील

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    औरंगाबाद : केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड (Union Minister of State for Finance Dr. Bhagwat Karad) अपने पद का दुरुपयोग कर बैंक (Bank) के आला अधिकारियों पर दबाव डालकर अपने नजदीकी कार्यकर्ताओं को कर्ज बांट रहे है। इससे बैकों को घाटे के अलावा कुछ हाथ नहीं लगेगा। कर्ज वितरण सम्मेलन यह आगामी चुनावों को सामने रखकर खेला गया एक नाटक है। यह आरोप औरंगाबाद के एमआईएम सांसद डॉ. इम्तियाज जलील (MP Dr. Imtiaz Jaleel) ने यहां लगाया। 

    संत एकनाथ रंग मंदिर में आयोजित एक सम्मेलन में डॉ. भागवत कराड के हाथों राज्य भर के सभी बैकों के माध्यम से 2900 करोड़ रुपए का कर्ज देने के  उपक्रम का शुभारंभ किया गया। इस कर्ज वितरण कार्यक्रम पर सांसद जलील ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि डॉ. कराड द्वारा अपने राजनीतिक फायदे के लिए बैंक अधिकारियों पर कर्ज बांटने के लिए डाले जा रहे दबाव नीति का बैंकर्स वर्कर्स यूनियन ने भी लिखित रुप में कड़ा विरोध किया है। एसोसिएशन ने अपने शिकायत में कहा है कि केन्द्रीय मंत्री डॉ. कराड  इन दिनों अपने राजनीतिक रोटी सेकने के लिए  बैंक के एमडी, जीएम तथा बैंक मैनेजरों पर कर्ज  के लिए दबाव डाल रहे है। यूनियन ने अपने शिकायत में कहा है कि इससे पूर्व भी कई बार राजनीतिक स्वार्थ के लिए बैकों का इस्तेमाल इससे पूर्व के जनप्रतिनिधियों ने करते हुए कर्ज वितरण किया। इसमें खुद के फोटो लगाकर कर्ज बांटे। 

    सिर्फ 6 प्रतिशत बांटा गया एज्युकेशन लोन 

    सांसद जलील ने बताया कि वर्तमान में सिर्फ 6 प्रतिशत एज्युकेशन लोन बैकों द्वारा बांटा गया है। परंतु, डॉ. कराड के उपस्थिति में जो कर्ज बांटा जा रहा है, वह लोन पार्टी की शाखाएं समझकर वितरण हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक अधिकारियों पर डॉ. कराड द्वारा दबाव डाला जा रहा है कि वे औरंगाबाद आकर कर्ज वितरण का कैम्प ले। क्योंकि, आगे मुझे चुनाव लड़ना है। उन्होंने केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री से सवाल करते हुए पूछा कि इस क्षेत्र की रिकवरी कितने प्रतिशत है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए डॉ. कराड बैकों का इस्तेमाल कर रहे है। 

    राष्ट्रीयकृत बैंकों को निजी उद्यमियों के हाथ में सौंपने की चाल 

    सांसद जलील ने आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंकों को निजी उद्यमियों के हाथों में सौंपने की चाल खेली जा रही है। जिस तरह एयरपोर्ट, एलआईसी, पोर्ट, रेलवे, हवाई जहाज देश के चुनिंदा निजी उद्यमियों के हाथों में सौंपने का खेल खेला जा रहा है। उसी तरह का खेल राष्ट्रीयकृत बैंकों को निजी उद्यमियों को हाथों देने का खेल खेला जा रहा है। इस खेल के माध्यम से बैकों में जमा पैसा पार्टी कार्यकर्ताओं को बांटकर बैंकों को कंगाल बनाना है। ताकि, देश को यह बताना आसान होगा कि कर्ज की रिकवरी नहीं हो पा रही है, इसलिए हम राष्ट्रीयकृत बैंक निजी उद्यमियों के हाथों में सौंप रहे है। यह पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों की एक साजिश है। सांसद जलील ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकारियों से अपील की कि वे सत्ताधारियों के झांसे में न आकर बैंकों के कामकाज को चौपट ना करें। बैंक के उन्नति के लिए अधिकारी काम करें नाकि मोदी और डॉ. कराड के फायदे के लिए।