Case registered against 25 people who caused loss of Rs 62 crore to APMC in Navi Mumbai
(फाइल फोटो)

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लाखांदूर. पिछले 5 वर्ष पूर्व आरक्षित जंगल में घुसकर वन्य प्राणी हिरण का शिकार करते रंगेहाथ पकड़ाए गए कुल 5 आरोपियों को लाखांदूर कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए प्रत्येकी 5 हजार रुपए जुर्माने सहित 1 वर्ष की कठोर कैद सुनाई है. उक्त फैसला लाखांदूर कोर्ट के न्यायाधीश पूजा कोकाटे ने 10 जुलाई को सुनाया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 5 वर्ष पूर्व लाखांदूर वन विभाग के कुछ अधिकारी कर्मी रात के दौरान तहसील के अंतरगांव के आरक्षित जंगल क्षेत्र में गश्त कर रहे थे. इस दौरान वन कर्मियों को अचानक जंगल में वन्य प्राणियों के शिकार के लिए घुसे कुछ शिकारी नागरिक नजर आए. हालांकि रात के अंधेरे में वन्य प्राणियों के शिकार के जंगल में घुसे कुछ लोगों को देखकर गश्त के वनाधिकारी कर्मियों ने जाल बिछाकर कुल 5 आरोपियों को पकड़ा था.

इस दौरान वनाधिकारी कर्मियों ने आरोपियों की पूछताछ एवं जांच करने पर आरोपियों से एक गर्भवती मादा हिरण मृत अवस्था में बरामद किया गया. हालांकि रात के अंधेरे में जंगल में घुसकर वन्य प्राणी हिरण के शिकार मामले में तत्कालीन वन परिक्षेत्र अधिकारी आर. एस. दोनोडे ने वन कानून के विभिन्न धाराओं के तहत स्थानीय लाखांदुर तहसील के चिचोली निवासी गोविंदा तुलशीराम मोहनकार (70), विलास पतिराम वाघमारे (30), मंसाराम मोतीराम वाघमारे (40), दुर्योधन सूडान वाघमारे (55) व सोमेश्वर परमानंद खरोले (30) के खिलाफ मामला दर्ज कर अरेस्ट किया गया था.

हालांकि इस कार्रवाई के अनुसार तहसील के तत्कालीन वन परिक्षेत्र अधिकारी आर. एस. दोनोडे ने हिरण के शिकार मामले के पांचों आरोपियों के खिलाफ लाखांदूर कोर्ट में दोषारोप पत्र दाखिल किए थे. उक्त दोषारोप पत्र पर लाखांदूर कोर्ट के न्यायाधीश पूजा कोकाटे ने फैसला देते हुए वन्य प्राणी हिरण के शिकार मामले में पांचों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए प्रत्येकि 5,000 रुपए जुर्माने सहित 1 वर्ष कठोर कैद की सजा सुनाई है. हालांकि इस मामले में सरकार पक्ष की ओर से सरकारी अभियोक्ता एड. सुनीता भेंडारकर ने पैरवी की है.