Asha Workers Protest
File Photo

Loading

भंडारा. भंडारा तहसील में 10 फरवरी को हाथी रोग का एक अभियान प्रारंभ किया जाना था. लेकिन, आशा कर्मचारियों की हड़ताल के चलते इस मुहिम का बंटाधार हो गया है. अब यह मुहिम तब ही प्रारंभ हो सकेगी, जब मानव संसाधनों की उपलब्धता हो जाएगी. आशा कर्मचारियों के हड़ताल के कारण मुहिम को ही स्थगित कर दिए जाने की नौबत संभवत: पहली बार जिले में निर्माण हुई है. बता देना आवश्यक है कि मलेरिया विभाग की ओर से 10 फरवरी को एक दिवसीय सामुदायिक औषधोपचार मुहिम प्रारंभ किया जाना था. इसके लिए सरकार की ओर से दवाइयां भी उपलब्ध करा दी गई है. लेकिन, इस विभाग का पूरा खेल आशा कर्मचारियों की हड़ताल ने बिगाड़ दिया है. आशा कर्मचारी पिछले 12 जनवरी से बेमियादी हड़ताल पर है और यह हड़ताल जल्दी ही समाप्त होने के आसार नजर नहीं आ रहे है.

1,291 कर्मचारियों की जरूरत

भंडारा शहर के 44 वॉर्ड और भंडारा तहसील के 140 ग्रामों में यह मुहिम चलाई जानी थी. मुहिम के तहत शहरी क्षेत्र में 89,036 और ग्रामीण क्षेत्र के 1,83,794 नागरिकों तक हाथी रोग की दवाइयां पहुचाई जानी थी. कुल 2,72,833 नागरिकों तक दवाईयों को पहुचाने की योजना बनाई गई. इसके लिए शहरी क्षेत्र में 383 और ग्रामीण क्षेत्र में 790, कुल मिलाकर 1,173 कर्मचारियों की आवश्यकता थी. वह शहरी क्षेत्र में 39 और ग्रामीण क्षेत्र में 79 कुल मिलाकर 118 पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने थे. आशा कर्मचारियों की हड़ताल के चलते यह संभव नहीं हो सका. इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है. लेकिन इसके बाद दूसरा सुधारित कार्यक्रम नहीं मिल पाया है. जानकारी के अनुसार लगभग 300 आाश कर्मचारियों को इस काम पर लगाया जाना था. हर आशा को एक दिन में 20 घरों का टार्गेट देना तय किया गया था.

गोलियों का स्टॉक उपलब्ध

मलेरिया विभाग के पास इस मुहिम के लिए 7,33,434 अल्बेंडोजोल गोलियों का स्टॉक उपलब्ध है. इसके अलावा 7,33,434 आइवरमेक्टिन गोलियां और 2,93,339 डीईसी गोलिया भी उपलब्ध करा दी गई है. लेकिन भंडारा शहर और तहसील के घरों तक दवाईयां पहुंचाने के लिए कर्मचारियों की उपलब्धता नहीं हो पाने की वजह से यह मुहिम टाल दी गई है.

तिथि मिलने के बाद किया जाएगा कार्यक्रम

इस बारे में वरिष्ठ स्तर पर जानकारी दे दी गई है. आशा की हड़ताल के चलते यह स्थिति निर्माण हुई है. मुहिम की नई तिथि मिलने के बाद ही अब यह कार्यक्रम किया जाएगा.

-डॉ.कविता कविश्वर, जिला मलेरिया अधिकारी भंडारा.