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    • 1 से 8 के बारे में 31 को होगा फैसला

    भंडारा. राज्य सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए स्कूल एवं कॉलेजों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया था. किंतु कोरोना की तीसरी लहर में भले ही मरीजों की संख्या बढ़ रही है लेकिन उनकी तेजी से हो रही रिकवरी की वजह से जोखिम कम है. इस निष्कर्ष के पश्चात सरकार ने स्कूलों को खोलने का आदेश दिया था.

    यद्यपि स्थानीय स्तर पर यह निर्णय लेने का अधिकार जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं जिला परिषद सीईओ को दिया था. इसके बाद से ही भंडारा जिला प्रशासन की ओर शिक्षा जगत की नजर टिकी हुई थी कि वह स्कूल खोलने के संबंध में कब आदेश जारी करती है. आखिरकार गुरुवार को जिलाधिकारी तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अध्यक्ष संदीप कदम ने आदेश जारी किया एवं स्पष्ट कर दिया कि से लेकर कक्षा 8 वीं से 12वीं तक की कक्षाएं 31 जनवरी से ली जा सकेगी. जबकि कक्षा पहली से लेकर 8 वीं तक  कक्षा कब शुरू होगी इसका निर्णय 31 जनवरी को लिया जाएगा.

    जारी आदेश में कहा गया है  कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कक्षा 1 ली से लेकर 12 वीं तक के स्कूलों की स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए  31 जनवरी से शुरू करने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को टीका लगाया गया है. जिससे सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कक्षा संचालित हो सकेगी. सभी नगर परिषदों/नगर पंचायतों और ग्रामीण सभी माध्यम और सभी प्रबंधन विद्यालयों (आवासीय विद्यालयों और आश्रम विद्यालयों को छोड़कर) क्षेत्र में सभी कक्षा 9वीं से 12वीं कक्षाएं 31 जनवरी से शुरू  की जाएंगी. 

    वहीं कोरोना की स्थिति का जायजा लेकर कक्षा 1 से 8 वीं तक के सभी माध्यम स्कूलों को बाद में शुरू करने का भी निर्णय लिया जाएगा.

    आदेश में कहा गया है  कि जिले में स्कूल शिक्षकों और शिक्षण स्टाफ का टीकाकरण बाध्यकारी होगा. 1 फरवरी से  कक्षा 9वीं से 12 वीं तक कोविड-19 के संबंध में सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए वास्तविक अध्ययन-अध्यापन के लिए कक्षाएं प्रारंभ की जा सकेगी. लेकिन इस कक्षा में छात्रों के अभिभावकों से सहमति पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा. स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिन लोगों को सहमति फॉर्म नहीं मिला है, उनके लिए ऑनलाइन शिक्षण और सीखने की गतिविधियाँ फिर से शुरू की जाए. 

    एक सत्र में भरे जाने वाले 5 विद्यालयों को कक्षा की उपलब्धता के अनुसार दो सत्रों में भरने की अनुमति होगी।  कोरोना प्रभावित / लक्षण वाले व्यक्ति के घर के छात्रों के लिए स्कूल में प्रवेश (जब तक कोरोना का मरीज पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता) प्रतिबंधित रहेगा.  प्रतिबंधित क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) के स्कूल बंद रहेंगे. साथ ही प्रतिबंधित क्षेत्रों में शिक्षक एवं  स्टाफ/छात्रों को स्कूल में प्रवेश करने से रोक रहेगी. आदेश का पालन नहीं करने वाले किसी भी व्यक्ति, संगठन या समूह को संक्रामक रोग निवारण अधिनियम 1897, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

    स्कूल शुरू करने से पहले स्वास्थ्य, स्वच्छता और अन्य सुरक्षा उपायों प सुनिश्चित करने होंगे. स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा मुहैया कराएं, थर्मामीटर, कीटाणुनाशक, साबुन-पानी आदि आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता रखने, स्थानीय प्रशासन (ग्रामीण और शहरी) को स्कूल की सफाई सुनिश्चित करने, इंफ्रारेड डिजिटल थर्मामीटर रखने, जिन स्कूलों में परिवहन सुविधा का उपयोग किया जाएगा उन्हे छात्रों की सुरक्षा के लिए  वाहनों को समय-समय पर कीटाणुरहित करना होगा, विद्यालय के समस्त शिक्षक एवं गैर शिक्षक स्टाफ को कोविड-19 से पूर्व 48 घंटे के लिए आरटीपीसीआर की जांच करने एवं परीक्षण प्रमाण पत्र स्कूल प्रबंधन को जमा करना होगा.  केवल निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट वाले शिक्षक-शिक्षक व टीचिंग स्टाफ स्कूल जा सकेंगे. कोविड-19 को लेकर सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। साथ ही साथ यदि कोविड-19 के कोई भी लक्षण पाए जाते हैं, तो उनका तुरंत परीक्षण करना होगा.  

    बैठक व्यवस्था

    कक्षा-कक्षों में फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ स्टाफ रूम में बैठने की व्यवस्था नियमानुसार करनी होगी.

    कक्षा में एक बेंच पर एक छात्र की तरह करनी पडेगी.  बैठक व्यवस्था में दो छात्रों के बीच सुरक्षित दूरी रखनी पड़ेगी. छात्रों के नाक और मुंह पूरी तरह से मास्क से ढके होने चाहिए.   

    धूम्रपान पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू रहेगा. स्कूल परिसर के अंदर और बाहर लाइन में खड़े होने के लिए कम से कम छह फीट भौतिक (शारीरिक दूरी) बनाए रखने के लिए कुछ चिन्ह जैसे वर्ग, वृत्त बनाने के लिए कहा गया है.