Lok Sabha Election 2024
फाइल फोटो

Different will continue till the results are out, counting of votes will be done on January 19

    Loading

    भंडारा. स्थानीय स्वराज्य संस्था के 21 दिसंबर को हुए चुनाव में  मतदाताओं ने अपने बढ़चढ़कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदाताओं ने क्या फैसला किया है, यह तो मतगणना के बाद ही सामने आएगा, लेकिन चुनावी जंग में उतरे सभी उम्मीदवारों को पूरा भरोसा है कि जीत तो उन्हीं की होगी.

    भंडारा जिला परिषद की 52, पंचायत समिति के 104 तथा तीन नगर पंचायत की 41 सीटों के लिए मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. 21 दिसंबर को जिला परिषद के चुनाव में उतरे 245, पंचायत समिति के 417 के लिए 594453 मतदाताओं को अपने मताधिकार प्रयोग करना था, इन चुनावों के लिए कुल 998 मतदान केंद्र बनाए गए थे. इस चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या 379772 तथा पुरुष मततादाओं की संख्या 389094 थी, इनमें 262928 महिला तथा 277849 पुरुषों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

    मंगलवार को जिला परिषद तथा पंचायत समिति के चुनाव में तुमसर में 71.32, मोहाडी में 72.58, साकोली में 71.76, लाखनी में 67.02, भंडारा में 68.87, पवनी में 67.79 तथा लाखांदूर में 73.38 प्रतिशत मतदान हुआ. सभी तहसीलों के प्रतिशत को जोड़ने के बाद 70.33 प्रतिशत मतदान होने की जानकारी चुनाव अधिकारी ने दी. इस चुनाव को लेकर उस वक्त तनातनी हुई जब 6 दिसंबर को ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर चुनाव आयोग ने चुनाव ओबीसी संमाज के बगैर चुनाव कराने का ऐलान किया. 17 दिसंबर को चुनाव आयोग द्वारा स्थगित किए गए जगहों पर चुनाव कराने की घोषणा की.

    पहले चरण में 21 दिसंबर को  वोट डाले गए, इस चुनाव में भंयकर ठंड होने के बाद प्रतिशत से ज्यादा मतदान ने यह संकेत दे दिया कि जिले के लोग इस चुनाव के प्रति कितने जागरुक हैं. चूकि मतदान का दूसरा चरण 18 जनवरी को होना है और 19 जनवरी को परिणाम सामने आएगा, इसलिए 18 जनवरी तक जीत हार के दावे-प्रतिदावे किए जाएंगे. राकांपा- कांग्रेस-शिवसेना तथा भाजपा या फिर निर्दलीय हर कोई अपनी जीत का दावा करेगा. कहीं शर्ते लगायी जाएंगी, तो कहीं सट्टा भी लगेगा.

    किस सीट पर किसका पलड़ा भारी है, किसकी जीत जरूरी है और किसका हारना जरूरी है. चुनाव जंग शुरु होने से पहले टिकट पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने के कई दृश्य आखों के सामने दिखे. जिला परिषद के चुनाव के परिणाम जैसे किसी परीक्षा में शामिल परीक्षार्थी की तरह हो गए हैं. स्कूल में कोई परीक्षा होती है तो उसके परिणाम के लिए माह- दो माह की प्रतीक्षा करनी पड़ती है. जिला परिषद, पंचायत समिति या नगर परिषद के चुनावी जंग में उतरे उम्मीदवारों की परीक्षा तो हो चुकी है, लेकिन परिमाण सामने आना बाकी है.

    गांव की चौपालों, चौराहों, विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर इन दिनों यही चर्चा है कि इन चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें किसे मिलेंगी. कांग्रेस वाले अपनी जीत का दावा कर रहे हैं तो भाजपा प्रत्याशी खुद को सबसे आगे बता रहे हैं. सबसे खास बता है कि चुनाव परिणाम को लेकर जारी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.  जीत के इस कयासी गणित में हार किसी की नहीं हो रही है. हर कोई जीत ही रहा है. यानि चुनाव जंग में सभी की जीत हो रही है.

    पार्टी, उम्मीदवार तथा कार्यकर्ता सभी सिर्फ जीत के दावे कर रहे हैं. कयासों का क्या वे सिर्फ आत्संतुष्टि कराते हैं. असली सच तो 19 जनवरी को सामने आएगा, उस दिन यह पता चलेगा कि किसके लिए जिला परिषद चुनाव के परिणाम पूनम के चांद के तरह आनंददायी साबित हुए और किनके किए ये चुनाव अमावस की रात साबित हुए हैं.