Representational Pic
Representational Pic

    Loading

    सोनी. धान का भंडार माने जाने वाले भंडारा जिले में सबसे अधिक धान की फसल पैदा करने वाली लाखांदूर तहसील की पहचान है. तहसील में ऐसे 2 क्षेत्रों में चौरास व झाडी में उत्पादन होता है. चौरास क्षेत्र में 3 फसलें ली जाती हैं. तथा 2 फसलें झाड़ी क्षेत्र में ली जाती हैं.

    इस सीजन में तहसील में धान की फसल का बड़े पैमाने पर उत्पादन लिया गया. एक माह से भी कम समय पहले धान की चुराई हो चुकी है. लेकिन अब तक धान खरीद केंद्र शुरू नहीं होने से किसान आर्थिक संकट में हैं.

    सरकार प्रशासन ने कुछ केंद्रों को औपचारिकता के तौर पर शुरू किया है, लेकिन धान की वास्तविक खरीदी शुरू नहीं हो पाई है. धान खरीदी केंद्रों की कमी से किसान परेशान नजर आ रहे हैं. खरीदी केंद्र नहीं चलने से कुछ किसान व्यापारियों को कम दामों पर धान बेच रहे है. 

    खरीदी केंद्र नहीं चलने से कुछ किसानों का धान अभी भी खेतों में पड़ा है. साहूकार ने खेती के लिए आज तक जो कर्ज लिया था वह अब दरवाजे पर आ रहा है. इन साहूकारों का पैसा कैसे चुकाया जाए, इसका सवाल किसानों के सामने खड़ा हो गया है. ऐसे में किसानों की मांग है कि धान खरीदी केंद्र जल्द शुरू किया जाए.

    पिछले वर्ष के खरीफ सीजन में धान की कटाई एवं चुराई का महीना खत्म हो गया. किसानों को इसे स्टोर करना मुश्किल हो रहा है. लेकिन फिर भी सरकारी समर्थन मूल्य धान खरीदी केंद्र कुछ जगहों पर औपचारिकता के तौर पर ही शुरू किए गए. जरूरतमंद किसान अपना माल व्यापारियों को कम दामों पर बेच रहे हैं. व्यापारियों द्वारा किसानों को लूटा जा रहा है हालांकि, तहसील में खरीदी केंद्र के संचालन के अभाव में, किसान आर्थिक संकट में हैं.

    कब मिलेगा धान खरीदी का मुहूर्त-ज्ञानेश्वर बुरडे

    भागडी निवासी एक किसान ज्ञानेश्वर बुरडे ने सवाल किया कि हमारी धान की फ़सल की कटाई व चुराई हुए एक महीना बीत चुका हैं. धान को घर के अंदर एवं बाहर जमा किया जाता है. लेकिन खरीदी केंद्र शुरू नहीं हुआ है. क्या इस वर्ष धान खरीदी केंद्र का मुहूर्त मिलेगा.