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  • मौसम में बदलाव से वरिष्ठ नागरिकों और छोटे बच्चों पर संक्रमण का खतरा

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भंडारा. लगातार बारिश और बादलों के छाए रहने की वजह से वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है.इसमें छोटे बच्चों के साथ ही वरिष्ठ नागरिकों का भी समावेश है. महत्वपूर्ण यह है कि वायरल फीवर के बावजूद नागरिक डॉक्टरों के पास कम ही जा रहे है और दवा दूकानों से दवा खरीदकर काम चला रहे हैं.

बारिश के मौसम में लगातार वातावरण में बदलाव देखा जा रहा है. फिलहाल कीट का प्रकोप बढ़ गया है. दूषित पानी की आपूर्ति से गेस्ट्रो, डेंगू और मलेरिया के मरीजों में वृद्धि हुई है. बदली छाई रहने, बारिश की वजह से जीवाणु और कीटाणु की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. छोटे बच्चों की प्रतिकार क्षमता कम रहने से उन्हें संक्रमण जल्द होने की आशंका बनी रहती है. इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों की श्वसन क्रिया पर प्रभाव पड़ता है. इससे दमा की बीमारी वाले वरिष्ठ नागरिकों की जान खतरे में पड़ जाती है. फिलहाल वायरल फीवर की वजह से ठंड, खांसी, सिरदर्द, उल्टी, दस्त,बदन दर्द जैसी समस्याएं निर्माण हो रहीं है. अस्पताल जाने वालों की संख्या भी बढ़ गई है.

बच्चे और वृद्धों को संभालें

बारिश के मौसम में बच्चे और वृद्धों को संभालने की आवश्यकता है. बारिश में भीगने पर पूरा शरीर टॉवेल से पोछ लें. सिर तो बिल्कुल भी गीला न रहने दें. छोटे बच्चों को सर्दी, खांसी जल्दी हो जाती है. जल्दी ही बुखार भी आता है, इसलिए समय रहते माता- पिता को इस बात पर ध्यान देना चाहिए. अधिक आयु के लोगों को भी इस बात को ध्यान रखना चाहिए कि वह पानी में न भीगे.