In Maharashtra, 65 people died in just 9 months in wild animal attacks, 23 tigers died in 6 months, the state government said
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    • बाघ का बंदोबस्त करने की मांग

    ब्रम्हपुरी: ब्रम्हपुरी तहसील मुख्यालय से अंदाजन 35 किमी दूरी पर वनों से घिरे एकारा और किटाली ग्रामों में इस समय बाघ ने उपद्वव मचा रखा है. बाघ को लेकर नागरिेकों में जबरदस्त दहशत छायी हुई है. बीते 15 दिनों में बाघ ने एकारा और किटाली गांव में रात के समय गांव में प्रवेश कर गोशाला में बांधी गई 14 बकरियों, एक बैल एवं दो गाय का शिकार किया है. इसके चलते परिसर के पशुपालकों में बाघ को लेकर काफी दहशत है.

    एकारा गांव में वामन मेश्राम की 3 बकरियां, तुकडू बोरकर, प्रकाश बन्सोड, गुलाब पुराम, सुरेश वरठे की बकरियां, जबकि किटाली गांव के नानाजी सडमाके की दो गाय, रवींद्र मंगाम का बैल, नीलकंठ झोडे, प्रभाकर आत्राम, महेश झोडे, नामदेव कुंभरे, गिरीधर नागापुरे, मोरेश्वर सोनवाने के बकरियों को बाघ ने अपना शिकार बनाया.

    रात के समय बाघ गांव में प्रवेश करता है एवं गोशाला में बंधे मवेशियों को अपना शिकार बनाता है. इससे नागरिकों में काफी दहशत निर्माण हो गई है. इसके चलते पालतू प्राणियों एवं मानव जीवित हानि ना हो इसके लिए वनविभाग द्वारा उपाययोजना करने की आवश्यकता है.

    ब्रम्हपुरी तहसील के मेंडकी, एकारा, बोदरा, चिटकबोदरा, किटाली यह गांव जंगल व्याप्तक्षेत्र है. इस गांव के समीपस्थ घना जंगल है. गांव के समीपस्थ एवं रास्ते के समीपस्थ झाडियां है कई बार हिंसक प्राणी शिकार के लिए छिपे बैठे होते है. इसलिए मेंडकी से एकारा रास्ते के बाजू स्थित झाडियों एवं उकत परिसर के आसपास के झाड़ियों को वनविभाग की ओर साफ सफाई की जाए, बाघ का बंदोबस्त किया जाए ऐसी मांग जिला परिषद सदस्य प्रमोद चिमूरकर ने की है.

    इस संदर्भ में जिला परिषद सदस्य प्रमोद चिमूरकर ने एकारा एवं किटाली गांव में जाकर वहां के नागरिकों से स्थिति का जायजा लिया. एवं उपाययोजना करने के संदर्भ में वनविभाग कर्मचारियों को निर्देश दिए.