लाखांदूर. इस वर्ष खरीफ के तहत तहसील में धान फसलों की बुआई पूरी कर ली गई है.विगत एक पखवाड़े से तहसील में बारिश नहीं होने के कारण खेतों में पानी के बगैर दरार देखी जा रही है.इस स्थिति में धान की फसलों पर पानी के अभाव में विभिन्न कीट रोगों का प्रकोप होने की आशंका निर्माण् हो गई है. इससे किसानों में चिंता है.
25,776 हेक्टेयर क्षेत्र में धान फसल की बुआई
इस वर्ष खरीफ के तहत तहसील के कुल 25,776 हेक्टेयर क्षेत्र में धान फसल की बुआई की गई है.हालांकि बुआई हुए क्षेत्र में से 692 हेक्टेयर क्षेत्र में आवत्या धान की बुआई हुई है. जबकि शेष क्षेत्र में धान फसलों की रोपाई हुई है.इस बीच विगत 8 से 16 जुलाई के दौरान तहसील में लगातार भारी बारिश होने से खेतों की फसलें पानी में डूबी हुई थी. जिसके कारण तहसील के कुल3,233.18 हेक्टेयर क्षेत्र की विभिन्न खरीफ फसलों की क्षति हुई है.इस मामले में तहसील प्रशासन ने क्षति ग्रस्त फसलों के पंचनामे पूर्ण कर सरकार से मुआवजे की मांग किए जाने की जानकारी दी है.
एक पखवाड़े से बारिश नहीं
पिछले महीने के 8 से 16 जुलाई के दौरान लगातार भारी बारिश हुई. इस बारिश से तहसील के कुल 3,233.18 हेक्टेयर क्षेत्र के विभिन्न खरीफ फसलों को क्षति हुई है.किंतु 18 जुलाई से तहसील में अभी तक बारिश नहीं होने के कारण जमीन में दरारे देखी जा रही है. हालांकि फसलों को पानी उपलब्ध नहीं होने पर विभिन्न कीट रोगों के प्रकोप सहित फसल सूखने का भय किसानों को सता रहा है.
नहरों में पानी छोड़ना जरूरी
स्थानीय लाखांदूर तहसील के कुछ क्षेत्र में इटियाडोह बांध के तहत सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती है. जबकि तहसील के चौरास क्षेत्र में कृषि बिजली पंप सहित गोसीखुर्द बांध की बाई नहरों से सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती है.इस वर्ष खरीफ में उक्त दोनों बांध के तहत अभी तक नहरों में सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा गया है.इस बार पिछले एक पखवाड़े से तहसील में बारिश नहीं होने से फसलों पर पानी के अभाव में विभिन्न कीट रोगों का प्रकोप होने की आश्का सता रही है.दूसरी ओर जमीन में दरारें भी देखी जा रही है. जिससे खरीफ फसलें सूखने की आशंका से किसान चिंतित है.इस स्थिति में बारिश के अभाव में फसलों पर कीट रोग होने का डर किसानों को सता रहा है. किसानों ने सुखे से बचाने के लिए दोनों बांध के नहरों से पानी छोडने की मांग भी की है.