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    • केंद्र चालक संस्थाओं सहित किसान बेचैन 

    लाखांदूर. सरकार के न्यूनतम किंमत योजना के अनुसार पिछले रबी में खरिदे गए धान की उठाई शेष होने की जानकारी है. इस बीच खरिफ के तहत धान खरिदी केंद्र शुरु करने के निर्देश जारी किए जाने के बावजुद खरिदी केंद्रों को बारदाना आपूर्ती नहीं किए जाने से केंद्र चालक सम्स्थाओं सहित किसानों में बेचैनी व्यक्त की जा रही है. 

    प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील में पिछले एक वर्ष से 3 किसान सहकारी संस्था के 9 व 7 निजी संस्था केंद्र कुल मिलाकर 16 केंद्रों के तहत धान खरिदी की जा रही है. हालांकि पिछले वर्ष खरिफ में राईस मिलर्स द्वारा अगले रबी तक खरिदे गए धान की उठाई नहीं होने के कारण विभिन्न संस्थाओं के गोदाम भरे हूए थे. इस बीच पिछले खरिफ के धान की उठाई होने के बावजुद रबी के तहत खरिदे गए धान अभी भी गोदामों में शेष होने की जानकारी है. 

    हालांकि पिछले रबी में धान खरिदी के दौरान सरकार द्वारा पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध नहीं किए जाने के कारण धान खरिदी प्रक्रिया में अटकले निर्माण हुई थी. इस दौरान किसानों द्वारा उपलब्ध किए गए ज्युट बारदाने की सहायता से खरिदी पुरी की गई. किंतु इस खरिदी के दौरान किसानों द्वारा उपलब्ध किए गए ज्युट बारदाने की राशि सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं होने से किसानों में नाराजगी व्यक्त की जा रही है. 

    इस बीच सरकार द्वारा इस वर्ष के खरिफ में सरकार के न्यूनतम किंमत योजना के अनुसार खरिदी केंद्र शुरु करने के निर्देश दिए गए है. किंतु खरिदी केंद्रों के तहत पिछले रबी में खरिदे गए धान की उठाई एवं नए खरिदी के लिए बारदाना आपूर्ती नहीं किए जाने से केंद्र चालक एवं किसानों में बेचैनी देखी जा रही है.

    धान खरिदी के दौरान भ्रष्टाचार का संदेह 

    इस वर्ष खरिफ में बगैर धान उठाई एवं बारदाने के आपूर्ती में धान खरिदी केंद्र शुरु करने के निर्देश दिए गए है. इस बीच पिछले रबी के धान की उठाई नहीं होने के कारन रबी के धान से गोदाम भरे हूए है. जिसके कारण खरिदी प्रक्रिया के दौरान रबी के धान खरिफ में दिखाकर भ्रष्टाचार का संदेह व्यक्त किया जा रहा है.