प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

    Loading

    भंडारा. भंडारा की सबसे प्रमुख नदी में वैनगंगा नदी के तट पर स्थित परिवार के लोगों को अशुद्ध पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. अशुद्ध पानी के सेवन से इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. चुनाव से पहले जिले की जनता को चौबीस घंटे पेयजल तथा बिजली का वादा करने वाले चुनाव समाप्त होने के बदा न जाने कहां चले जाते हैं. सालों से इस क्षेत्र में अच्छे तथा शुद्ध पानी देने का आश्वासन देने वाले नेताओं को उस वक्त कुछ भी दिखायी नहीं देता, जब लोगों के स्वास्थ्य पर बन आती है तो हो-हंगामा मचता है तो कहीं जाकर कुछ होता है. 

    भंडारा शहर ही नहीं गणेशपुर में भी वैनगंगा नदी का पानी की आपूर्ति लोगों के घरों में की जाती है. दूषित पानी की आपूर्ति करने की शिकायत करने के बाद भी इस ओऱ ध्यान नहीं दिया जाता. मानेगांव बाजार के पास स्थित तिड्डी गांव में वैनगंगा नदी के पानी का उपयोग किया जाता है.

    तिड्डी गांव की स्थिति यह है कि यहां वैनगंगा का पानी पशु भी नहीं पीते. बताया जाता है कि तिड़्डी गांव के पास कन्हान नदी का मिलता है, यह पानी बहुत ही प्रदूषित है. यही पर नाग नदी का पानी भी समाहित होता है. इतना ही नहीं यहां जो भी कुएं हैं, उनका पानी पूरी तरह से विषाक्त हो गया है, ऐसे में यहां के लोगों को पीने के पानी के लिए गांव के दूसरे गांव में जाना पड़ता है.

    भंडारा जिले के शहरी तथा ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में वैनगंगा नदी के तट पर रहने वाले परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण पानी खरीद कर नहीं पी सकते. वैनगंगा नदी का गंदा पानी जन स्वास्थ्य की दृष्टि से खराब है, तो भी जन प्रतिनिधि कुछ नहीं करते.