Bhandara ZP

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    भंडारा. जिले के शिक्षा विभाग में अनेक पद रिक्त पडे हुए है. शिक्षकों के पद तो रिक्त है ही लेकिन अधिकारियों के पद भी रिक्त पडे हुए है.इस कारण न तो शिक्षक शिक्षा दे पा रहे है और न ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर पड रहा काम का बोझ कम हो रहा है.इस कारण छात्रों को भी परेशानी भुगतनी पड रही है.इसके लिए कौन जिम्मेदार है इस पर मंथन करने की आवश्यकता है.

    शिक्षकों पर कल के योग्य नागरिक बनाने और देश का भविष्य बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है.लेकिन शिक्षकों के पद रिक्त पडे हो तो कल के देश का भविष्य कौन गढेगा? जिला परिषद शिक्षा विभाग मे शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है.जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षा विभाग में कई प्रशासनिक पद रिक्त होने से इस विभाग के अधिकारियों को अतिरिक्त काम करना पड रहा है. कही काम का अधिक बोझ है तो कही काम करनवाले अधिकारी ही नहीं है.

    प्रशासन को गति देने के लिए विभिन्न अधिकारियों की आवश्यकता होती है. यह एक साधारण सा समीकरण है कि जिस प्रशासन में रिक्तियों की भरमार है, वह प्रशासन में काम की गति को स्वतः ही धीमी हो जाती है.हालांकि, प्रशासन को गति देने के लिए अधिकारी को कितनी परेशानी उठानी पडती है यह बात वही अधिकारी जानता है. अब भंडारा जिला परिषद प्राथमिक विभाग में प्रशासकीय  अधिकारियों की रिक्तियों पर नजर डालें तो लगता है कि शिक्षा अधिकारियों से लेकर केंद्राध्यक्षों तक बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं.इसी कारण गट शिक्षाधिकारी को शिक्षाधिकारी का प्रभार दिया गया है. 

    41 शिक्षक बनाए गए केंद्र प्रमुख

     जिले के 41 शिक्षकों को केंद्र प्रमुख के रूप में काम करने के लिए कह दिया गया है. अब शिक्षा का दायित्व छोडकर यह शिक्षक अधिकारी के रूप में काम करने लगें है. नतीजतन शिक्षा की हालत खराब हो गई है. इन स्थानों के छात्रों के सामने पढ़ाई की समस्या खड़ी हो गई है.

     कहां कौन से पद रिक्त

    मोहाड़ी में कोई गट शिक्षा अधिकारी व कनिष्ठ एवं वरिष्ठ विस्तार अधिकारी नहीं है.इसलिए स्कूल पोषण अधीक्षक को पदभार दिया गया है. केंद्र प्रमुख अशोक खेताड़े को शिक्षा विस्तार अधिकारी का प्रभार सौंपा गया है. गट शिक्षाधिकारी का पद रिक्त पडा हुआ है. स्कूल पोषाहार अधीक्षक के 5 पद रिक्त बने हुए हैं.रिक्त पदों की वजह से स्वाभाविक रूप से प्रशासन की  कमर टूट चुकी है.