Karadi Bridge

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    • युद्ध स्तर पर निर्माण: पांच स्लैब का काम बाकी

    करडी. मुंढरी से रोहा तक बहुप्रतीक्षित एवं महत्वाकांक्षी पुल का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. इस वर्ष भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति और बरसात के मौसम के कारण निर्माण कुछ हद तक प्रभावित हुआ था. स्टेट हाइवे SH-361 पर मुंढरी-रोहा पूल का काम युद्धस्तर पर जारी है. इसलिए संभावना है कि जनवरी 2023 तक काम पूरा हो जाएगा और इस संबंध में कार्य की योजना बनाई जा रही है.

    मोहाडी तहसील में रोहा और मुंढरी के दो गांवों को जोड़ने वाले राज्य राजमार्ग संख्या 361 पर वैनगंगा नदी पुल का निर्माण अब अंतिम चरण में है और पुल को जनवरी 2023 में यातायात के लिए खोलने की संभावना है. मोहाडी तहसील में जांब से मार्ग आंधलगांव, मोहाडी, कुशारी, रोहा, मुंढरी, खड़की, कोका, चंद्रपुर, रेंगेपार (कोठा) लाखनी होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 53 (पुराना एनएच-6) से जुड़ेगा. जांब से लाखनी तक स्टेट हाइवे-361 का काम पूरा हो गया है और वैनगंगा नदी पर पुल अधूरा है. पुल के 26 स्लैब का काम पूरा हो चुका हैं और 5 स्लैब स्लैब का काम बाकी हैं. यह 5 स्लैब नवंबर से दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे और जनवरी में यातायात शुरू हो सकती है.

    इस पुल के बनने से कांद्री, जांब, मोहाडी क्षेत्र के लोग लाखनी, साकोली, तिरोडा का जाने हेतु अतिरिक्त मार्ग उपलब्ध होंगे के साथ समय की बचत होगी. तहसील के वैनगंगा नदी द्वारा दो भागों में विभाजित है. पुल बनने से मोहाडी से करडी की दूरी घटकर मात्र 13 किमी. रह जाएगी. पहले यह दूरी 30 किमी वाया (देव्हाडा-माडगी) और भंडारा से 32 किमी वाया करडी, मांडवी, खमारी थी.  लेकिन अब भंडारा से रोहा बेटाला होते हुए 25 किमी की दूरी होगी. इस पुल से मोहाडी व करडी, तिरोडा, जांब, आंधलगांव के बाजारों में व्यपार बढ़ेगा और कृषि माल की ढुलाई में सुविधा होगी. करडी क्षेत्र के लोगों को माडगी-खापा के रास्ते मोहाडी जाना पड़ता था. अब रोहा-मुंढरी पुल मोहाडी से 13 किमी और तुमसर से 17 किमी की दूरी तय करेगा. इसलिए  संचार की आसानी के कारण मोहाडी और करडी के विकास का रास्ता आसान हो गया है.

    श्रम, पैसा और समय की बर्बादी रुकेगी

    करडी व मुंढरी क्षेत्र के नागरिकों के लिए वरदान साबित होने वाले पुल का उद्घाटन एक बड़ी उपलब्धि होगी. मोहाडी तालुका में करडी और मुंढरी का बड़ा क्षेत्र वैनगंगा नदी द्वारा मोहाडी से लगभग अलग हो गया था. इस क्षेत्र के नागरिकों को तालुका में बाजार, शिक्षा और अन्य राजस्व और अन्य गतिविधियों में जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. इसमें लोगों का श्रम, पैसा और समय बर्बाद होता था. यह पुल करडी क्षेत्र के लिए विकास का एक नया मार्ग खोलेगा जो संचार और कनेक्टिविटी के मामले में अब तक अविकसित रहा है.