लाखांदूर. पिछले 12 दिनों में तहसील के विभिन्न क्षेत्र में हुई बेमौसम बारिश से तहसील के कुल 4934 हेक्टेयर क्षेत्र के रबी फसल की क्षती हुई है. उक्त जानकारी स्थानीय लाखांदूर के तहसीलदार अखिलभारत मेश्राम ने दी है.
दिसंबर के आखिरी बारिश में 254 हे. क्षेत्र के फसल की क्षती
पिछले वर्ष दिसंबर के आखिरी दिनों में हूए ओले सहित सरासरी 23 प्रश. बेमौसम बारिश दर्ज की गई थी. इस बारिश से तहसील के लगभग 254 हेक्टेयर क्षेत्र के रबी फसल की क्षती हुई थी. इस घटना को 10 दिन नहीं बितते की पिछले एक दिन पुर्व हुई बारिश से बडी मात्रा में रबी फसलों के क्षती का आरोप किसानों द्वारा किया गया है.
16,317 हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न रबी फसले
इस वर्ष रबी के तहत तहसील के कुल 16,317 हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न रबी फसलों की बुआई की गई है. हालांकि बुआई किए गए कुछ फसलों की अगले कुछ दिनों में खुदाई की जा सकती थी. इस बीच तहसील में बदरीले मौसम के चलते मौसम विभाग द्वारा दिए गए चेतावनी के अनुसार तहसील में बेमौसम बारिश होने से रबी फसल उत्पादक किसान संकट में आने का आरोप लगाया जा रहा है.
14,300 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलों पर खतरा
तहसील में गेहू- 1311 हे., चना – 3499 हे., लाखोरी-2268 हे., उडद- 2219 हे., मुंग – 2183 हे. व वाटाणा- 2821 हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की गई है. कुल मिलाकर तहसील के 14300 हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न रबी फसलों की बुआई हुई है. किंतु तहसील में लगातार दुसरी बार हुई बेमौसम बारिश से तहसील के बुआई हूए क्षेत्र में से कुल 4934 हे. क्षेत्र के रबी फसलों की क्षती हुई थी. जबकी अभी भी तहसील में बदरीला मौसम देखे जाने से तहसील के 14300 हे. क्षेत्र के रबी फसलों पर खतरा होने की चर्चा है.
इल्ली के प्रकोप का खतरा
तहसील में लगातार दुसरी बार बेमौसम बारिश होने से तहसील के कुल 4934 हे.क्षेत्र के रबी फसलों की क्षती हुई है. हालांकि इस वर्ष बुआई हूए रबी फसल के अन्य क्षेत्र में कम मात्रा में क्षती होने की जानकारी है. किंतु लगातार दुसरी बार बेमौसम बारिश एवं बदरीले मौसम के कारण शेष क्षेत्र के फसलों पर इल्ली के प्रकोप का खतरा होने की चर्चा की जा रही है.
पंचनामा कर मुआवजा दे
पिछले खरिफ के दौरान अपर्याप्त बारिश एवं विभिन्न किटरोगों के कारण धान फसल उत्पादन में कमी आयी है. जबकी रबी के तहत बुआई हूए विभिन्न फसलों की बेमौसम बारिश से बडी मात्रा में क्षती हुई है. जिसके कारण इस वर्ष तहसील के धान एवं रबी के तहत विभिन्न फसल उत्पादक किसान आर्थिक संकट में पाए जा रहे है. इस स्थिती में सरकार एवं प्रशासन द्वारा तुरंत क्षतीग्रस्त फसलों का सर्वेक्षण एवं पंचनामा कर आपादग्रस्त किसानों को मुआवजा देने की मांग नागरिकों में की जा रही है.