राइस मिलर्स और ग्रीष्मकालीन धान खरीदी का मुद्दा: विधायक भोंडेकर ने सीएम की चर्चा

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    भंडारा: भंडारा केंद्र सरकार के एफसीआई की ओर से बार बार हो रही जांच की वजह से  भंडारा जिले में चावल मिल उद्योग बंद होने की कगार पर है. इसके अलावा ग्रीष्मकालीन धान की खरीदी नहीं की गयी है. इन दोनों अहम मुद्दों को लेकर विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने  नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से चर्चा की. इन दोनों मुद्दों को संज्ञान में लेते हुए नवनियुक्त मुख्यमंत्री शिंदे ने तुरंत संबंधित एजेंसियों और अधिकारियों को फोन पर निर्देश दिया. 

    उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने प्रत्येक जिले में खरीदे जाने वाले अनाज की संख्या तय की थी. केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में केवल 19 लाख क्विंटल और भंडारा जिले में केवल 8 लाख क्विंटल धान की खरीद का लक्ष्य रखा था.   वास्तव में निर्धारित लक्ष्य से उपज अधिक हुई है. इस वजह से किसान अपना धान नहीं बेच पाए है. इसलिए स्थानीय किसान यह सरकार से नाराज हैं और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं.

    लगाया तुरंत फोन

     विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने  जैसे ही यह मामला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संज्ञान में लाया, मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्र सरकार के संबंधित विभाग में चर्चा की.

    कठीण शर्तें बनी बाधक

    भंडारा जिले के 250 राइस मिल मालिकों द्वारा सीएमआर चावल सरकार को सौंपने का कार्य किया जा रहा है. मिलर्स एसोसिएशन का आरोप है कि केंद्र सरकार की एफसीआई टीम कठिन शर्तें लगाकर राइस मिलर्स को बंधक बना रही है. कई चावल मिल मालिक एफसीआई के लगातार दौरे और कार्यों से तंग आ चुके हैं और उन्होंने उद्योग को बंद करने का फैसला किया है. राइस मिलर्स उद्योग को बचाने के लिए एफसीआय की इस नीति को बंद किया जाना चाहिए.  विधायक नरेंद्र भोंडेकर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तत्काल समाधान निकालने का आश्वासन दिया है.