Two cowherds killed the tiger by poisoning it in revenge

Loading

भंडारा. 26 मार्च को कोका अभयारण्य के परसोडी बिट में कम्पार्टमेंट 180 में कटंगनाला में नर बाघ T-13 का शव मिला था. वन विभाग ने मामले में 3 संशयित चरवाहों को गिरफ्तार कर जांच करने के बाद उन्होंने बताया हुआ बाघ की मौत का कारण चौंकाने वाला है. T-13 बाघ की मौत स्वाभाविक नहीं थी, दो चरवाहे ने जहर का प्रयोग कर बाघ से अपनी भैंस की मौत का बदला लेने के लिए मार डाला, जबकि तीसरे चरवाहे ने मरे हुए बाघ के नाखून निकालकर अपने पोते के गले के लिए ताबीज बनवाई. इस मामले में आरोपी परसोडी निवासी नरेश गुलाबराव बिसने (54), मोरेश्वर सेगो शेंदरे (64) और खुर्सीपार निवासी वशिष्ठ गोपाल बघेले (59) को अरेस्ट किया. 

जहर खाने से हुई मौत 

26 मार्च को बाघ का शव बरामद होने पर बाघ के पिछले दोनों पैर टूटे हुए थे और पंजे गायब थे. इसलिए शिकार का संदेह जताया गया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बाघ की मौत जहर खाने से हुई है. उसके बाद वन विभाग ने तेजी से जांच करते हुए इस मामले में परसोडी के दो और लाखनी तालुका के खुर्शीपार के एक आरोपी को हिरासत में लिया. खास बात यह है कि ये तीनों शिकारी नहीं बल्कि चरवाहे हैं. 

ऐसे मारा T-13 को 

आरोपी नरेश बिसने और मोरेश्वर शेंद्रे अपने मवेशियों को जंगल के कम्पार्टमेंट 180 में ले गए जो चराई के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र है. वहीं T-13 बाघ ने उसका शिकार किया. बिसने को लगा कि प्रतिबंधित क्षेत्रों में बाघों के शिकार के लिए उन्हें वन विभाग से मुआवजा नहीं मिलेगा.  बिसने ने बदले की भावना से मरे हुए भैंस के शरीर पर कोरोजेन कीटनाशक लगा दिया. कुछ देर बाद बाघ फिर से शिकार खाने आया और जहरीला शिकार खाकर पानी पीने गए बाघ की नाले में मौत हो गई. जांच के बाद आरोपी नरेश बिसने और मोरेश्वर शेंद्रे को हिरासत में लिया गया. इसके बाद बाघ के पंजे किसने काटे इस दिशा में जांच शुरू हुई जसीमें खुर्शीपार के आरोपी वशिष्ठ बघेले को दोषी पाया गया.

पोते के ताबीज बनाने काटे नाखून

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, बघेले मवेशी चराने के लिए जंगल गए थे, तभी उन्होंने पानी में एक मरा हुआ बाघ तैरते देखा. मरा हुआ बाघ देख वशिष्ठ ने उसके नाखून निकाल अपने पोते के लिए ताबीज बनाने के इरादे से बाघ के पंजे काट दिए. मृत बाघ के अगले पैर पानी में थे इसलिए उसने पिछले पैरों के पंजे काटे. बगहेले के पास से बाघ के 7 नाखून बरामद किए गए हैं. 

इस मामले में नवेगांव-नगजीरा टाइगर रिजर्व के उप वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक जयरामे गौड़ा, उप निदेशक पवन जेफ, सहायक वन संरक्षक रोशन बी. राठौर के मार्गदर्शन में रेंजर संजय मेंढ़े, सचिन नरड़ के सहयोग से जांच की गई. आगे की कार्रवाई कोका वन्यजीव अभ्यारण्य रेंजर महादेव माकड़े व अन्य फील्ड स्टाफ द्वारा की जा रही है.