मुंबई. महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी (Mahadev Online App) एप से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल इस जांच में यह सामने आया है कि, इस सट्टेबाजी एप के प्रमोटर ने गत फरवरी में दुबई में आयोजित अपनी शादी में 200 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
वहीं इस भव्य शादी में बालीवुड के कई फिल्म सितारे भी शामिल हुए थे। इस मामले में बीते गुरुवार को ED ने मुंबई, रायपुर, भोपाल, कोलकाता समेत 39 स्थानों पर छापेमारी कर 417 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।
ED has conducted searches against the money laundering networks linked with Mahadev APP in cities like Kolkata, Bhopal, Mumbai etc and retrieved large amount of incriminating evidences and has frozen/seized proceeds of crime worth Rs 417 Crore. pic.twitter.com/GXHWCmKOuY
— ED (@dir_ed) September 15, 2023
सौरभ चंद्राकर की शादी में फ़िल्मी सितारों का जमघट
वहीं जांच में सामने आया है कि, महादेव सट्टेबाजी एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में काफी संपत्ति अर्जित की है। इधर दोनों प्रमोटर अपनी दौलत की खुलकर नुमाइश भी करते हैं। वहीं गत फरवरी माह में सौरभ चंद्राकर की दुबई में भव्य शादी भी हुई थी।
इसमें तकरीबन 200 करोड़ रुपये खर्च गया था। वहीं इस शादी में टाइगर श्राफ, सनी लियोनी, आतिफ असलम, नेहा कक्कड़, विशाल ददलानी, भारती सिंह, राहत फतेह अली खान, एली अव्राम, भाग्यश्री समेत जैसे कई सितारे शामिल हुए थे। इन सभी को बाकायदा प्राइवेट जेट से लाया गया था।
हवाला के माध्यम से दिया गया था पैसा
इधर सौरभ चंद्राकर शादी में शामिल इन सितारों को हवाला के माध्यम से पैसा भी दिया गया था। ED द्वारा एकत्रित डिजिटल सुबूतों के अनुसार, ईवेंट मैनेजमेंट कंपनी को हवाला के माध्यम से 112 करोड़ रुपये दिए गए। वहीं होटल की बुकिंग आदि पर 42 करोड़ की नकदी खर्च की गई है।
ED ने पहले 4 आरोपी गिरफ्तार
इधर मामले पर ED के अधिकारियों की जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल कंपनी के मुख्य प्रमोटर है। वहीं महादेव आनलाइन बुक एप संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में केंद्रीय प्रधान कार्यालय से चलाया जाता है। इससे पहले ED ने छत्तीसगढ़ में छापेमारी कर चार आरोपितों को भी अरेस्ट किया था। हालांकि इनमें सट्टेबाजी सिंडिकेट का मुख्य संपर्ककर्ता भी शामिल था, जो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को बाकायदा एक ‘संरक्षण राशि’ के रूप में रिश्वत भी देता था।