नागपुर : भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा कर दी है। इस सूची में महाराष्ट्र के 20 उम्मीदवार शामिल हैं। बीजेपी ने अपने 20 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करके एक सुरक्षित खेल खेला है, भले ही महागठबंधन को सीटें आवंटित नहीं की गई हैं। अब देखना यह होगा कि बाकी 28 सीटों में से बीजेपी और कितनी सीटें अपने लिए रखती है और कौन-कौन सी सीट शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को देने के लिए राजी होती है। आपको याद होगा कि 2019 में भाजपा ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 23 सीटें जीतने में सफल रही थी।
इस सूची के अलावा महाराष्ट्र के मुंबई उत्तर मध्य निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य पूनम महाजन, वहीं भंडारा-गोंदिया से सुनील मेंढे, शोलापुर से सांसद जयसिद्धेश्वर स्वामी, गढ़चिरौली-चिमूर से सांसद अशोक नेते टिकट भी क्लीयर नहीं किया है। ऐसा कहा जा रहा है कि इन नेताओं का पार्टी के पास फीडबैक अच्छा नहीं है। ऐसी स्थिति में इनका पत्ता कटना भी लगभग तय माना जा रहा है। हो सकता है कि एक या दो लोग अपनी सीट बचा ले जाएं, लेकिन बाकी लोगों को टिकट मिलेगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं दिखायी दे रही है।
भाजपा द्वारा घोषित उम्मीदवारों की सूची में पंकजा मुंडे के साथ केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भी उम्मीदवार बनाया गया है। ये दो नाम नए हैं। बीजेपी ने अपने 5 सांसदों की जगह नए चेहरे देकर मौजूदा सांसदों का पत्ता काटकर संदेश दे दिया है कि आने वाली सूची में कई और लोगों के भी टिकट काटे जाएंगे। इस सूची में कुल 8 नए चेहरे शामिल हैं।
देर से दिया गडकरी को टिकट
बीजेपी की ओर से घोषित सूची में एक चर्चित नाम नितिन गडकरी का है, जिनका नाम भाजपा की पहली सूची में न होने के कारण तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। बीजेपी की पहली लिस्ट में नितिन गडकरी के नाम का ऐलान नहीं होने पर ठाकरे गुट ने बीजेपी की आलोचना की थी। उद्धव ठाकरे ने तो गडकरी को महाविकास अघाड़ी का ऑफर भी दे दिया था। इस तरह अब उनका नाम इस दूसरी सूची में शामिल हो गया है। उनके साथ केंद्र में मंत्री रावसाहेब दानवे, भारती पवार भी इस सूची में शामिल हैं।
एक तीर से दो निशाने
प्रीतम मुंडे बीड से भाजपा के मौजूदा सांसद हैं। अपने पिता गोपीनाथ मुंडे की मृत्यु के बाद प्रीतम मुंडे को सांसद की सीट मिली थी। उन्होंने भारी अंतर से जीत भी हासिल की। इसके बाद 2019 में भी उनकी जीत हुई। उन्होंने बजरंग सोनावणे को हराया और सांसद बने। अब उनकी जगह उनकी बहन पंकजा मुंडे को सांसद का टिकट दे दिया है। इसके पीछे प्रमुख कारण यह था कि पंकजा मुंडे राजनीतिक रूप से अपना पुनर्वास चाहती थीं। पार्टी ने यह फैसला उनकी नाराजगी दूर करने के लिए लिया है। ऐसी स्थिति में प्रीतम कैसे एडजस्ट होंगे ये देखने वाली बात होगी। साथ ही यह कहा जा रहा है कि लगातार 2 बार सांसद बनने के बाद प्रीतम मुंडे के खिलाफ लोगों में नाराजगी का माहौल है। इसीलिए बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं और पंकजा मुंडे को टिकट देने का फैसला किया है।
बाप की जगह बेटे को टिकट
अकोला सांसद संजय धोत्रे का नाम भी टिकट कटने वाले सांसदों की सूची में है। अकोला सांसद संजय धोत्रे के टिकट को लेकर पहले से भी चर्चा थी। लगातार इस तरह की मीडिया व राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही थी कि संजय धोत्रे उन सांसदों में शामिल होंगे, जिनका बीजेपी महाराष्ट्र में टिकट काटने जा रही है। संजय धोत्रे अकोला लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान सांसद होने के साथ-साथ अधिक उम्र के नेता हो चले हैं। उनकी अधिक उम्र के कारण उनका टिकट काटा गया है। अब उनकी जगह उनके बेटे अनूप धोत्रे को टिकट दिया गया है। इसलिए बीजेपी ने यहां से एक नया चेहरा जनता के सामने उतारने का काम किया है।
पीयूष गोयल के लिए बना रास्ता
उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र से गोपाल शेट्टी का टिकट काटकर उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र से सांसद के रूप में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को उम्मीदवार बनाया गया है। कहा जा रहा है कि उनका टिकट कटने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने गोपाल शेट्टी से मुलाकात की। वहीं गोपाल शेट्टी ने कहा है कि वह नाराज नहीं हैं और वह अंत तक बीजेपी के साथ रहेंगे। उनके टिकट काटने की वजह उनकी उम्र भी है। बीजेपी ने यह टिकट यह कहकर काटा है कि उनकी उम्र ज्यादा है। ऐसी स्थिते में यहां पीयूष गोयल के लिए यह संसदीय क्षेत्र का रास्ता साफ हो गया है।
मनोज कोटक की जगह आए मिहिर कोटेचा
उत्तर पूर्व मुंबई से लोकसभा सदस्य मनोज कोटक की जगह मिहिर कोटेचा को टिकट देने की घोषणा की गई है। बताया जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान के पास मौजूदा सांसद मनोज कोटक के नाम को लेकर अच्छा फीडबैक नहीं था। इलाके के लोग भी सांसद से नाराज हैं। चूंकि उनका नाम निर्वाचन क्षेत्र में लोकप्रिय नहीं है, इसलिए उनके स्थान पर मिहिर कोटेचा को उम्मीदवार बनाकर वोटरों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की गयी है।
उन्मेश पाटिल नहीं उठा सके लाभ
जलगांव से सांसद उन्मेश पाटिल का भी टिकट काट दिया गया है। उनकी जगह स्मिता वाघ को टिकट दिया गया है। जलगांव लोकसभा उम्मीदवारी को लेकर पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी। इस विधानसभा क्षेत्र में कई तरह की चर्चाएं सुनने को मिल रहीं थीं। इसमें बीजेपी के मौजूदा सांसद उन्मेश पाटिल का टिकट कटने की आशंका जताई गई थी। इसीलिए पाटिल पांच दिनों तक दिल्ली में बैठे रहे। जलगांव लोकसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव में सांसद उन्मेश पाटिल को अचानक टिकट दिया गया था। उसी तरह इस बार आंतरिक मतभेदों के कारण उनका टिकट काटकर स्मिता वाघ को मौका दिया गया। स्मिता वाघ एबीवीपी के जरिए पार्टी में आयीं और लंबे समय से काम कर रही थीं। पार्टी में निष्ठा बनाए रखने के कारण वाघ को भाजपा ने पुराने सांसद की जगह आजमाया है।
अमित शाह-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे-अजित पवार [/caption]
मुरलीधर मोहोल पा गए पुणे का टिकट
इसके अलावा पुणे लोकसभा सीट से गिरीश बापट के निधन के बाद वहां भी नए चेहरे को मौका दिया गया है। गिरीश बापट के निधन के बाद बीजेपी ने उनकी जगह मुरलीधर मोहोल के नाम को तरजीह दी है। उनके साथ-साथ बीजेपी की ओर से सुनील देवधर, जगदीश मुलिक के नाम पर भी चर्चा चल रही थी, लेकिन आखिरकार मुरलीधर मोहोल के नाम पर मुहर लग गई है।
हंसराज अहीर पर भी भरोसा नहीं
फिलहाल देखा जाय तो राज्य के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को चंद्रपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। 2019 में बीजेपी ने इस सीट से हंसराज अहीर को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह चुनाव जीत नहीं पाए थे। इसीलिए भाजपा ने हंसराज अहीर की जगह राज्य सरकार के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को टिकट दे दिया है।