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पेज 3-कांग्रेस ने किया ‘शर्म करो मोदी शर्म करो’ आंदोलन

-मोदी सरकार के विरोध में नारेबाजी कर किया निदर्शन

खामगांव. पुलवामा घटना के पिछे एक बडा षडयंत्र छुपा हैं, यह जम्मु काश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उपस्थित किए सवालों से स्पष्ट होता है. सत्यपाल मलिक को चुप बैठने को क्यों कहा?  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री ने सत्य क्यों छुपाया? पुलवामा घटना पर मौन रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में कांग्रेस रास्ते ने रास्ते पर उतर कर महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले के निर्देश पर ब्लॉक स्तर पर, तहसील स्तर पर शर्म करो मोदी, शर्म करो, इस बैनर के नीचे राज्यव्यापी आंदोलन किया. तदनुसार जिला कांग्रेस कमेटी की सूचना पर खामगांव तहसील कांग्रेस कमेटी की ओर से उप विभागीय अधिकारी कार्यालय के सामने शर्म करो मोदी शर्म करो यह आंदोलन कर केंद्र की मोदी सरकार के विरोध में जोरदार नारेबाजी कर निषेध किया गया.

पुलवामा घटना ने पूरे देश में खलबली मची थी, सीआरपीएफ के 40 जवानों को विस्फोट कर उडा दिया गया था, इतनी बडी घटना हुई थी, लेकिन आज तक इस घटना का सत्य बाहर नहीं आया. इस घटना की जांच का क्या हुआ, इस विस्फोट में 300 किलो आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया, वह कहां से आया? जवानों को विमानसेवा क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई?

खुफिया तंत्र की चेतावनी को क्यों नजरअंदाज किया गया? पुलवामा घटना यह सरकार की गलती हैं, ऐसा सत्यपाल मलिक ने बताने पर उन्हें चुप रहने को क्यों कहा गया? आदि सहित कई सवालों के जवाब मोदी सरकार ने नहीं दिए हैं. इन सवालों के जवाब मोदी सरकार को देने ही होंगे. पुलवामा घटना पर सत्यपाल मलिक ने मोदी सरकार के नींद उड़ाने से इन मुद्दों पर से जनता का ध्यान दूसरी ओर भटकाने के लिए भाजपा सरकार व्दारा प्रयास किया जा रहा है. सत्यपाल मलिक ने पुलवामा घटना के संदर्भ में एक मुलाखत में उपस्थित किए सवाल अत्यंत गंभीर एवं देश की सुरक्षा से संबंधित है. इन सवालों पर मोदी सरकार मौन हुई है.

पुलवामा घटना के संदर्भ में मलिक ने किए आरोप पर प्रधानमंत्री मोदी मौन छोडे, ऐसी मांग कांग्रेस की ओर से कर मोदी सरकार के विरोध में जोरदार घोषणाबाजी की गई. इस आंदोलन में खामगांव शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सरस्वती खासने, तहसील कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मनोज वानखडे, पूर्व जिप सदस्य सुरेशसिंह तोमर, शांताराम पाटेखेडे, कृषि उत्पन्न बाजार समिति के पूर्व संचालक विलाससिंग इंगले, प्रमोद चिंचोलकर, अनंत अढाव, पुंडलिक ढेंगे, संतोष चव्हाण, युकां के एजाज देशमुख, अब्दुल शब्बीर, शेख कयुम, शेख अयुब शेख लाला, सागर मुयांडे पाटिल, अनंता माली, गजानन सोनोने, पूर्व पंस सदस्य श्रीराम तिवाले, श्रीकांत देशमुख, ज्ञानेश्वर पडवाल, सूर्या काकडे, शंकर वराडे, ईश्वर पाटिल, नवल पांढरे, गट्टू जाधव, किसनदास राठोड़, रामगोपाल साबले सहित कांग्रेस के पदाधिकारी, कार्यकर्ता उपस्थित थे.