Cotton Price
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बुलढाना. देखने में आ रहा है कि बड़ी मेहनत से खेती करने वाला किसान हर जगह ठगा जा रहा है. ऐसी ही धोखाधड़ी वरदडी गांव के नारायण नागरे के साथ होने वाली थी. लेकिन जैसे ही उन्हें समय पर ध्यान आया, वे सतर्क हो गए. नागरे अपना कपास बेचने के लिए निकला था. उनके गांव में एक व्यापारी आया और वह बाजार मूल्य से एक रुपया अधिक देने की पेशकश कर रहा था. इसलिए नागरे ने उस व्यापारी को 25 क्विंटल कपास बेचने का फैसला किया. कपास बेचते समय व्यापारी ने बड़ी चालाकी से कहा कि वह कपास का वजन कम कर रहा है.

तौल कांटे में कपास मापते समय व्यापारी ने तौल कांटे में एक उपकरण लगा दिया था. उसमें रुई डालने के बाद वह अपनी जेब में रखे छोटे रिमोट का बटन दबाता था. तुरंत ही उस रुई का वजन कम होता जा रहा था. जब किसान नारायण नागरे ने व्यापारी को पकड़ा और उसकी जेब से रिमोट निकाला तो उसे एहसास हुआ कि वह एक गांठ से 6 से 7 किलो कपास अधिक ले जा रहा है. जब ग्रामीणों ने उससे पूछताछ की तो उसने खुद ही यह करके दिखाया. उस व्यापारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है और अब से नारायण नागरे ने सभी किसानों से अपील की है कि वे इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों के माध्यम से कपास देते समय ध्यान दें या साधारण तौल कांटों के माध्यम से कपास बेचें.

दाम बढ़ने के इंतजार में काला हो रहा सफेद सोना

ग्रामीण इलाकों में किसान बाजार समिति के बाजार प्रांगण में होने वाली नीलामी का इंतजार कर रहे हैं कि आज या कल दाम बढ़ेंगे. हालांकि, दिन-ब-दिन दाम बढ़ने के बजाय दाम घटने से कपास उत्पादक निराश हैं. अपेक्षित मूल्य वृद्धि ने किसानों को मार डाला है. तस्वीर यह है कि अधिकांश किसानों के घरों में रखा सफेद सोना ग्रामीण इलाकों में काला हो रहा है. जब किसानों ने कपास लगाया तो कपास की कीमत 12 हजार रुपये प्रति क्विंटल थी. परिणामस्वरूप, महंगी दवाएं छिड़ककर कपास की खेती की गई. हालांकि, प्रति क्विंटल शुरुआती कीमत आज 8,000 रुपये पर आ गई. इससे कपास उत्पादकों में डर बढ़ गया है.