लोकसभा चुनाव के लिए देशभर में राजनीतिक पार्टियों द्वारा लगातार प्रचार सभाएं चल रही है। इस बीच महाविकास अघाड़ी द्वारा बुलढाणा में भी उम्मीदवार नरेंद्र खेडेकर के प्रचार करने के लिए उद्धव ठाकरे की सभा रखी गई थी। यह सभा खत्म होते ही कांग्रेस नेताओं के बीच हाथापाई हो गई। हाथापाई की यह घटना CCTV में कैद हो गई।
बुलढाणा: बुलढाणा (Buldhana Politics) में कांग्रेस नेताओं (Congress Leaders) के बीच हाथापाई होने की जानकारी सामने आई है। दरअसल बुलढाणा में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की सभा खत्म होते ही कांग्रेस पदाधिकारियों के बीच मारपीट हो गई। सबसे पहले कांग्रेस के पूर्व विधायक दिलीप कुमार सानंदा और कांग्रेस सेवादल के कार्यकारी अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह चव्हाण के बीच नोकझोंक हुई। हाथापाई के इस पूरी घटना का वीडियो सामने आया है, जिसे देख हर कोई दंग है।
सभा खत्म होते ही विवाद
जैसे ही यह वीडियो सामने आया तो इस घटना से कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। मिली जानकारी के मुताबिक, महाविकास अघाड़ी के बुलढाणा उम्मीदवार नरेंद्र खेडेकर के प्रचार करने के लिए रविवार (21 तारीख) को खामगांव के जे.वी. में मेहता कॉलेज के मैदान में महाविकास अघाड़ी की बैठक आयोजित की गई, जहां यह हाथापाई की घटना हुई है।
खामगावात काँग्रेसमधील गटबाजी चव्हाट्यावर, माजी आमदार व काँग्रेस पदाधिकाऱ्यांमध्ये हाणामारी #mahavikasaghadi #Congress #LokSabhaElections2024 pic.twitter.com/HOvT5ExihD
— Vishwas Purohit (@vishwascpurohit) April 21, 2024
वीडियो क्रेडिट- सकाल
कांग्रेस नेताओं में मुक्केबाजी
बता दें कि इस बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे समेत कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सांसद मुकुल वासनिक और महाविकास अघाड़ी नेता मौजूद रहे। जैसे ही उद्धव ठाकरे की बैठक खत्म हुई तो सभी नेता अपने-अपने रास्ते चले गए। इसी दौरान सभा स्थल से निकलते वक्त खामगांव विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस विधायक दिलीप कुमार सानंदा और कांग्रेस सेवादल के कार्यकारी अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह चव्हाण के बीच बहस हो गई। ऐसे में फिर बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर मुक्केबाजी भी हो गई।
कार के कांच भी तोड़े
इसी दौरान कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता तेजेंद्र सिंह चव्हाण पर चढ़ गए। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने उनकी कार के शीशे भी तोड़ दिये। बता दें कि कांग्रेस नेताओं के मारपीट के इस घटना से सभा स्थल पर कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया। फिर घटना को देखते हुए पुलिस ने हस्तक्षेप कर दोनों नेताओं के बीच विवाद सुलझाया। इस घटना से कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। ऐसे में कहा जा सकता है कि कांग्रेस में अंदरूनी विवाद चल रहा है जो पार्टी को भी नुकसान पहुंचा सकता है।