Maharashtra Former Home Minister Anil Deshmukh
अनिल देशमुख (फाइल फोटो)

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    मुंबई. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय में कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और षडयंत्र के गंभीर आरोप हैं। इसके साथ ही एजेंसी ने कहा कि अपराध में उनकी संलिप्तता को स्थापित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

    सीबीआई ने देशमुख की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एक हलफनामा दायर किया। देशमुख को पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था। पहले, उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था और बाद में सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था। पिछले महीने सीबीआई मामले में विशेष अदालत द्वारा जमानत दिए जाने से इनकार करने के बाद देशमुख ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

    उच्च न्यायालय ने देशमुख को पिछले महीने ईडी मामले में जमानत दे दी थी। शुक्रवार को तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ के समक्ष जमानत याचिका का उल्लेख किया गया। हालांकि, न्यायमूर्ति डांगरे ने बिना कोई कारण बताए इससे खुद को अलग कर लिया। अब जमानत याचिका अदालत की किसी अन्य एकल पीठ के समक्ष रखी जाएगी।

    सीबीआई के पुलिस उपाधीक्षक मुकेश कुमार द्वारा दायर एजेंसी के हलफनामे में कहा गया है कि आरोप पत्र के साथ संलग्न किए गए मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्य अपराधों में आवेदक (देशमुख) की संलिप्तता को स्थापित करने के लिए पर्याप्त हैं।

    एजेंसी ने कहा कि आवेदक के खिलाफ भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और आपराधिक षडयंत्र के गंभीर आरोप हैं। एजेंसी ने जमानत याचिका में देशमुख की इस दलील का भी विरोध किया कि एक दागी पुलिसकर्मी (सचिन वाजे) द्वारा दिए गए बयान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। सीबीआई ने कहा कि सचिन वाजे शुरू में इस मामले में एक आरोपी थे और उन्हें माफी दे दी गई है और इसलिए, अब वह अभियोजन पक्ष के गवाह हैं।