चंद्रपुर. तेलंगाना-महाराष्ट्र को जोड़ने वाले धाबा-गोंडपिंपरी मार्ग का काम पांच साल बाद भी पूरी नहीं हो पाया है. बेहद कछुआ गति से चल रही इस प्रक्रिया पर सवाल उठाकर कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हैं. मंगलवार को धाबा-गोंडपिपरी मार्ग पर डोंगरगांव फाटा के पास कांग्रेस ने रास्ता रोको आंदोलन दिया. आंदोलन के कारण इस मार्ग पर एक घंटे तक यातायात ठप रहा. अंततः लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा एक महीने के भीतर काम पूरा करने का लिखित आश्वासन देने के बाद विरोध वापस ले लिया गया.
महाराष्ट्र-तेलंगाना राज्य महामार्ग राज्य के अंतिम छोर पर गोंडपिपरी तहसील से होकर गुजरता है. भूमिपूजन को पांच साल हो गए हैं. लेकिन सड़क का काम अधूरा है. इस मार्ग से तेलंगाना राज्य और महाराष्ट्र के बीस गांवों के नागरिक आवागमन करते हैं. सड़क पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक है. मार्ग में जगह-जगह गिट्टी फैली हुई है. जगह-जगह रास्ता खोदा गया है. इससे सड़कों पर कई दुर्घटनाएं हुई हैं. कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है जबकि कई स्थायी रूप से विकलांग हो गए हैं.
इस मार्ग का मुद्दा महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी प्रशासन की ओर से इसकी बेहद अनदेखी की गई. इससे कांग्रेस कार्यकर्ता आक्रामक हो गए. कांग्रेस ने स्टेट हाईवे पर डोंगरगांव फाटा के पास विरोध प्रदर्शन किया. एक घंटे तक चले इस विरोध प्रदर्शन के कारण सड़क पर यातायात अवरुद्ध हो गया. विरोध प्रदर्शन में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस तैनात की गई थी.
गोंडपिपरी के तहसीलदार बहाकर, निर्माण विभाग के इंजीनियर येडे, थानेदार नागलोत, सहारे ने आंदोलनकारियों से चर्चा की. एक माह के अंदर काम पूरा करने का लिखित आश्वासन देने के बाद धरना वापस लिया गया. राजुरा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस नेता अभिजीत धोटे, गोंडपिपरी तहसील कांग्रेस अध्यक्ष तुकाराम झाडे, निलेश संगमवार, देवेन्द्र बट्टे, तुकेश वानोडे, विपीन पेद्दुरवार, सिन्नू कन्ननुरिवार, सचिन फुलजले, सोनी दिवसे, रेखा रामटेके, वनिता वाघाडे, नामदेव सांगाडे, देवीदास सातपुते, अशोक रेचनकार , रामकृष्ण सांगडे उपस्थित थे.