थानेदार के सामने गटका जहर; किसान की हालत नाजुक

    Loading

    • पड़ोसी किसान की हरकतों से परेशान था पीड़ित

    गड़चांदूर. अपने पड़ोसी किसान द्वारा लगातार परेशान कर नुकसान पहुंचाने की शिकायत करने पर भी पुलिस द्वारा संबंधित पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से क्षुब्ध एक किसान ने आज थानेदार के सामने ही कीटनाशक जहर पीकर आत्महत्या का प्रयास किया. उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भरती किया गया है. उसके खिलाफ आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है. यह घटना जिवती तहसील के टेकामांडवा गांव की है. जहर पीने वाले किसान का नाम शिवाजी करेवाड़ (45) है. 

    प्राप्त जानकारी अनुसार जिवती तहसील के टेकामांडवा गांव के किसान शिवाजी करेवाड ने टेकामांडवा के थाने पहुंचकर थानेदार महेशकर के सामने कीटनाशक जहरीली दवा पी ली. थानेदार ने तुरंत पुलिस कर्मियों के जरिये उसे ग्रामीण अस्पताल गड़चांदूर पहुंचाया. उसकी अवस्था स्थिर है.

    इस घटना के संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए शिवाजी के भाई नवनाथ कोरेवाड़ ने बताया कि उनके पिता सोपान कोरेवाड़ के नाम पर पट्टे की भूमि है. पिता की मृत्यु के उपरांत उनकी माताजी और वे पांच भाई इस भूमि के मालिक हैं. यह सरकारी दस्तावेज में दर्ज भी है. उनके खेत से कुछ दूर विश्वनाथ आमनर का खेत है. जो हमेशा पैसों की ताकत दिखाकर उन्हें तकलीफ देता आ रहा है. उसका उनके खेत पर कब्जा जमाने का प्रयास है. जिसकी वजह से उनके बीच हमेशा विवाद होते रहता है. नवनाथ का कहना था कि विश्वनाथ द्वारा कभी उनके खेत की रात के अंधेरे में बिजली काट दी जाती है. कभी पानी के पाइप फोड़कर चोरी की जाती है. इसका विरोध करने पर विश्वनाथ उन्हें गंदी -गंदी गालियां देता है. 

    आये दिन की तकलीफों और आर्थिक संकट से तंग आकर उन्होंने कई बार पुलिस थाने में शिकायत की, परंतु कुछ समाधान नहीं हुआ. उल्टे थानेदार ने दोनों पक्षों को खेतों में जाने से मना कर दिया था. इस बीच विश्ननाथ आमनर ने दो महीने पहले खेत में गेहूं बोया और उनके खेत में जाने पर उन्हें मनाकर गाली गलौज कर झगड़ा किया. 

    पुलिस का नहीं मिला सहयोग

    नवनाथ के अनुसार 9 जनवरी की रात 20 से 25 लोगों ने मिलकर उनके भाई शिवाजी को मारने का प्रयास किया. शिवाजी जान बचाकर गांव पहुंचा और गांव के लोगों को इसकी जानकारी दी, परंतु गांव वालों ने उसे यह कहकर शांत किया कि सुबह मामले को देखेंगे. शिवाजी मंगलवार, 10 जनवरी की सुबह 7 बजे खेत की ओर गया तो वहां मौजूद औरतों और पुरूषों ने शिवाजी को ही गालियां देकर भगा दिया. ऐसे में शिवाजी तुरंत 9 बजे टेकामांडवा थाने पहुंचा और थानेदार के सामने पूरी घटना बयान की. यहां भी उसे किसी तरह का पुलिस से सहयोग नहीं मिलने पर उसने अपने साथ लाया हुआ कीटनाशक स्वयं ही गटक लिया. 

    इस घटना के बारे में थानेदार महेशकर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह दो पक्षों का खेती के स्वामित्व को लेकर मामला है, इसलिए मामले को एसडीएम को सुपुर्द किया गया है. दोनों पक्षों को प्रतिबंधक नोटिस दिया गया है. उपविभागीय पुलिस अधिकारी का भी कहना है कि यह मामला खेती का है, इसलिए पुलिस इसमें कुछ नहीं कर सकती है.