नेटवर्क के अभाव में शिक्षा प्रभावित; लगातार दूसरे वर्ष भी आनलाइन पढ़ाई, ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों का हाल-बेहाल

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    चंद्रपुर. 28 जून से ऑनलाइन स्कूलें शुरू हुई हैं. इसमें शिक्षक एवं विद्यार्थी अपने अपने घरों में रहकर पढ़ाने और पढ़ने का काम करेंगे. इस तरह की ऑनलाइन पढ़ाई का यह निरंतर दूसरा वर्ष है. मगर ग्रामीण क्षेत्र में ऑनलाइन शिक्षण के लिए विद्यार्थियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से ऑनलाइन शिक्षण की सुविधा उपलब्ध होने के लिए अड़चन निर्माण हो रही है. इसका परिणाम विद्यार्थियों के शिक्षण पर हो रहा है, इसलिए इस बार भी ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करें इसकी चिंता अभिभावकों को सता रही है.

    कोरोना के कारण विद्यार्थियों का स्कूली शिक्षण गत वर्ष पूरी तरह से बंद रहा जिसके चलते गतवर्ष सम्पूर्ण वर्ष ऑनलाइन शिक्षण विद्यार्थियों को दिया गया था. पिछले वर्ष भी ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शिक्षण लेते समय काफी अड़चनों का सामना करना पड़ा था. इस बार भी यही स्थिति रहेगी यह सवाल इन विद्यार्थियों को सता रहा है.

    कोरपना तहसील आदिवासी तहसील के रूप में जानी जाती है. इसमें गडचांदूर एवं जिवती भी अत्यंत ग्रामीण क्षेत्र है. यहां गांव में मोबाइल नेटवर्क के लिए बच्चों को ऊंची चट‍्टानों या कभी तो पेड़ पर चढ़ना पड़ता है. इसके लिए ऑनलाइन शिक्षण लेते समय आधा समय तो नेटवर्क खोजने मे ही चला जाता है. इस तरह की तस्वीर जिले के हर ग्रामीण क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं.

    पिछले वर्ष से ऑनलाइन शिक्षण शुरू होने से विद्यार्थी चाहिए वैसा अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं. परिणाम स्वरूप उनके अभ्यास पर इसका असर हो रहा है. लेकिन विद्यार्थी नेटवर्क अभाव में अभ्यास ऑनलाइन कैसे करें यह सवाल अभिभावक कर रहे हैं. इसके चलते अभिभावकों के साथ विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षण के लिए नेटवर्क खोजना पड़ता है.

    राज्य भर की स्कूलें 15 जून का ही शुरू हो गई हैं, जबकि विदर्भ शाखा की 28 जून को शुरू हुई. कोरोना का संक्रमण कम हुए बिना स्कूलें शुरू नहीं होगी यह फैसला शिक्षण विभाग ने लिया है. इसके कारण इस बार भी शिक्षण ऑनलाइन ही होगा. 9वीं एवं 10वीं के सभी शिक्षकों को स्कूलों में बुलाया गया, जबकि अन्य कक्षाओं के शिक्षकों के लिए 50 प्रश उपस्थिति बंधनकारक रखी गई है.

    पिछले वर्ष जैसी परिस्थिति कायम

    पिछले वर्ष की तरह इस बार भी शहर की गरीब बस्ती, स्कूल और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षण में अड़चनें कायम हैं. अभिभावकों के पास ऑनलाइन शिक्षण के लिए सुविधा नहीं होने से विद्यार्थियों तक उचित तरीके से शिक्षण नहीं पहुंच पाया है. इस बार भी कमोबेश यही स्थिति रहेगी यह दिखाई दे रहा है.

    पीडीएफ डाउनलोड करने में परेशानी

    बाल भारती ने कक्षा पहली से बारहवीं के पाठयपुस्तक के पीडीएफ नि:शुल्क डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध करके दी है. इसी तरह पाठयपुस्तकों में क्यूआर कोड के माध्यम से शिक्षण को ओर सरल करने का प्रयास किया है, परंतु पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए समय पर विद्यार्थियों को मोबाइल नेटवर्क मिलेगा या नहीं ऐसा सवाल उत्पन्न हो गया है.