सरकार के लिखित आश्वासनों के बाद भी रवींद्र टोंगे अनशन पर अडिग, मुनगंटीवार का प्रयास भी विफल

Loading

चंद्रपुर. मराठा समाज को समग्र रूप से ओबीसी में शामिल ना करने की मांग को लेकर यहां बेमियादी अनशन कर रहे रवींद्र टोंगे ने राज्य सरकार के लिखित आश्वासनों के बावजूद भी अपना आंदोलन समाप्त करने से इंकार कर दिया. सरकार के लिखित आश्वासनों का पत्र लेकर जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सोमवार को टोंगे के आंदोलन स्थल को भेंट देकर अनशन समाप्त करने की गुजारिश टोंगे से की, लेकिन मुनगंटीवार के इन प्रयासों को सफलता हाथ नहीं लगी. मुनगंटीवार की बिनती के बावजूद टोंगे अनशन पर अडिग रहे. टोंगे ने यहां स्पष्ट किया कि, जब तक सरकार उनकी मांगों को पूर्ण नहीं करती, वे अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगे. 

गौरतलब है कि, मराठा समाज के कथित ओबीसीकरण के चल रहे प्रयासों के खिलाफ टोंगे यहां सोमवार 11 सितंबर से यहां बेमियादी अनशन कर रहे हैं. उनके इस आंदोलन को अब तक ओबीसी राष्ट्रीय महासंघ तथा ओबीसी समाज की विभिन्न संगठनों द्वारा समर्थन घोषित किया गया हैं. इस बीच मराठा समाज के कथित ओबीसीकरण के खिलाफ यहां रविवार को ओबीसी संगठनों समेत सर्वदलीय नेताओं ने महामोर्चा निकाला था. 

इस बीच टोंगे को अपना अनशन समाप्त करने की गुजारिश करने के लिए राज्य के वन मंत्री तथा जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार राज्य के ओबीसी कल्याण मंत्री का एक पत्र लेकर टोंगे के आन्दोलनस्थल पर पहुंचे. इस पत्र में ओबीसी समाज के छात्रों के लिए चंद्रपुर जिले में 200 छात्र छात्राओं की क्षमता वाले स्वतंत्र रूप से छात्रावास शुरू करने तथा जिन छात्रों को छात्रावास में प्रवेश मिलने में सफलता नहीं मिली हो.

उन्हें  सामाजिक न्याय विभाग की स्वाधार तथा आदिवासी विकास विभाग की स्वयंम योजना की तर्ज पर प्रत्येक जिले के 600 छात्रों को निर्वाह भत्ता देने का निर्णय लिए जाने की जानकारी दी गयी हैं. मुनगंटीवार ने टोंगे से आग्रहपूर्वक गुजारिश करते हुए कहा कि, सरकार इन मांगों को लेकर सकारात्मक निर्णय ले रही हैं, अतः तुम्हे अपना अनशन समाप्त करना चाहिए. लेकिन अनशनकारी टोंगे का इस पत्र से कोई समाधान नहीं हुआ और उन्होंने अपना अनशन समाप्त नहीं किया.