Sudhir Mungantiwar
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    चंद्रपुर. वनप्राणियों के हमले में मृतक के परिवारों को दी जानेवाली 15 लाख की वित्तीय सहायता राशि बढाकर 20 लाख रुपये करने का निर्णय वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने लिया है. इस संदर्भ में शासन निर्णय जारी किया गया है. 

    राज्य के वनविभाग के माध्यम से उत्तम पध्दति से वनसंवर्धन का काम शुरू होने से वन्यप्राणियों की संख्या में बडे पैमाने पर वृध्दि हुई है. मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने के दृष्टि से वनों से सटे ग्रामों में रहनेवाले नागरिकों को वनविभाग की ओर से प्रबोधन किया जा रहा है. डा.श्यामाप्रसाद मुखर्जी जल-वन विकास योजना के माध्यम से स्थानीय जनता का वनों पर निर्भरता कम करने का प्रयास किया जा रहा है. 

    वन्यप्राणियों के हमले में वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 इन तीन वर्षों में क्रमश: 47 , 80 , 86 लोगों की मौतें हुई है. बाघ, तेंदूए, जंगली सूअर, जंगली भैसे, भालू, सियार, लोमडी, हाथी आदि हिंसक प्राणी के हमले में मरनेवाले व्यक्ति के परिजनों दी जानेवाली आर्थिक सहायता में वृध्दि की गई है. अब आगे 15 लाख के बजाय 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. 

    20 लाख में से 10 लाख रुपये देय व्यक्ति को तत्काल चेक के रूप में और शेष बची हुई राशि 10 लाख रुपये राष्ट्रीयकृत बैँक में प्रतिमाह ब्याज देनेवाले संयुक्त खाते में जमा राशि अर्थात फिक्स डिपॉजिट करने का निर्णय लियाग या है. इसी तरह व्यक्ति हमेशा के लिए विकलांग होने पर 5 लाख रुपये जबकि गंभीर रूप से घायल होने पर 1 लाख  25 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी.व्यक्ति मामूली घायल होने पर औषधि उपचार के लिए होनेवाला खर्च दिया जाएगा. निजी अस्पताल में उपचार करता है तो इसकी सीमा 20हजार रुपये प्रति व्यक्ति रहेंगी.

    वन्यप्राणी के हमले में गाय, भैस, बैल की मृत्यु होने पर दी जानेवाली 60 हजार रुपये की राशि बढाकर 70 हजार रुपये की गई है. भेड़ बकरी, अन्य पशुधन की मृत्यु होने पर 10 हजार रुपये की राशि बढाकर 15 हजार रुपये की गई है. गाय, भैस, बैल इन जानवरों को हमेशा के लिए विकलांगता आने पर 12 हजार के बजाय 15 हजार रुपये की राशि दी जाएगी. गाय, भैस, बैल, भेड, बकरी एवं अन्य पशुधन घायल होने पर चार हजार रुपये की राशि 5 हजार रुपये की गई है. 

    वन्यप्राणियों के हमले में होनेवाली मनुष्यहानि एवं इससे होनेवाले संबंधित नुकसान को देखते हुए वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार का द्वारा लिया गया निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है.