मानव-वन्यजीव संघर्ष से बढी चिंता; बाघ, तेंदुए के हमलों में हो रही लगातार मौते

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    • कई ग्रामिणों में लोग हो रहे घर में बंद 

    चंद्रपुर. बाघ एवं अन्य वन्य जीवों के लिए मशहुर चंद्रपुर जिले में अब पुन: एक बार मानव तथा वन्य जीवों के बीच संघर्ष बढने के आसार नजर आ रहे है. पिछले कुछ दिनों से जिले में बाघ, तेंदुए के हमले में इंसानों की मौत की लगातार घटनाए बढती जा रही है. इसके मद्देनजर आनेवाले दिनों में इस जिले में मानव-वन्यजीव संघर्ष सबसे बडी चुनौती के रूप में उभर सकता है. 

    समय रहते उचित कदम उठाना जरूरी

    पिछले 1 महीने में हर दो तीन बाद बाघ, तेंदुआ अथवा अन्य वन्यजीवों की हमलों में 1 से 2 लोगों की जान जा रही है. अधिकांश घटनाए ताडोबा-अंधारी बाघ परियोजना क्षेत्र के जंगल से सटे इलाकों में होती है. इस क्षेत्र से जुडे गांवों की सुबह तेंदुए के हमले में किसी की मौत के समाचार के साथ ही हो रही है. वन्य जीवों के प्रति ग्रामीणों में रोष बढता जा रहा है. वह रोष मानव-वन्यजीव संघर्ष के बढत खतरे को आगाह कर रहां है. समय रहते ही अगर पर्याप्त कदम नही उठाए गए तो स्थिति आगामी कुछ दिनों में विकराल रूप धारण कर सकती है. 

    सिमटता जंगलबन रहा हमलो का सबब

    दरअसल प्रतिदिन सिमटता जा रहा जंगल, वन्यजीवों के लिए कम होता जा रहा भोजन, ग्रीष्म में पानी की किल्लत एवं प्राकृतिक आवारा का बढता अभाव ही इंसानो पर वन्य जीवों के हमले का मृल कारण बनता जा रहा है. जहां पहले बाघ, भालू, तेंदुओं का मुक्त संचार होता था. आज वहां मनुष्य बस्तीयां बसती जा रही है. वनक्षेत्र में बढती मानवीय दखलंदाजी मानव एवं वन्य जीवों के बीच संघर्ष की चिंगारी को जन्म देती जा रही है. 

    घर का चुल्हा जलाने के लिए जंगल की ओर लकडीयों लाने जा रहे तथा खेतीयों में काम कर रहे महीला व पुरूषों पर हमले की संख्या अधिक बढ रही है. ग्रामीण क्षेत्र में हो रही लगातार हमलो से संतप्त होकर वन्यजीवों को खास कर तेंदुआ को मारने पर उतारू हो रहे है. 

    बाघ तेंदुआ के हमलों पर गंभीर नही वनविभाग 

    आए दिन बाघ व तेंदुआ के हमलो पर उनके बंदोबस्त के लिए वनविभाग प्रशासन गंभीर होता नही दिखाई दे रहा है. हर दो से तीन दिन बाद कही ना कही बाघ व तेंदुआ के हमले में किसानों का जान गवानी पड रही है. गुरूवार 3 नवम्बर को ब्रम्हपुरी तहसील के तोरगांव बुज में जाईबाई तोंडरे नामक महीला पर बाघ ने हमला कर दिया जिसमें उसकी मृत्यु हो गई.

    इसी बीच भद्रावती तहसील के चारगांव, माजरी कालरी, एकता नगर, तेलवासा, जुना कुनाडा, नए कुनाडा, ढोरवासा में बाघ ने आतंक मचाकर रखा है. जिससे लोगों ने इन परिसरों में शाम के 6 बजे के बाद घर से बाहर निकलना ही बंद कर दिया. कई किसानों के मवेशीयों का शिकार किया जा रहा है. जिससे किसानों का आर्थिक नुकसान का आंकडा दिनोंदिन बढता जा रही है. वही जंगली सुअरों द्वारा फसलों को नुकसान पहुचाकर किसानों को त्रस्त किया जा रहा है.