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    सिंदेवाही/तलोधी बा. बाघ और तेंदुआ की आपसी संघर्ष में तेंदुआ की मौत होने की घटना मंगलवार को सिंदेवाही वनपरिक्षेत्र के उपक्षेत्र तांबेगडी मेंढा नियतक्षेत्र मरेगांव के कक्ष क्रमांक 276 आएफ खैरी, पवनपार में घटी. इस परिसर में तेंदुआ मृतावस्था में पाया गया. 

    इसकी सूचना वनविभाग को मिलने पर वनविभाग मिलने पर उन्होने वनपरिक्षेत्र अधिकारी विशाल सालकर को घटना की जानकारी दी. घटना की जानकारी मिलते ही उसकी गंभीरता को देखते हुवे सिंदेवाही प्रादेशिक वनपरिक्षेत्र अधिकारी व्ही ए सालकर वनकर्मचारीयों को लेकर घटनास्थल पहुचे. घटनास्थल का मुआयना कर वहां करिबन 3 से 4 वर्ष का नर तेंदुआ मृतावस्था में पाया गया.

    तत्पश्चात घटना की सूचना ब्रम्हपुरी के वरिष्ठ अधिकारी प्रादेशिक व वन्यजीव सहाय्यक वनसंरक्षक एम बी चोपडे, ब्रम्हपुरी वनविभाग के मानद वन्यजीव रक्षक विवेक करंबेकर, स्वाब नेचर केअर फाऊंडेशन के यश कायरकर, पशुधन विकास अधिकारी डा. विनोद सुरपान, डा. शालिनी लोंढे आदि उपस्थित हुवे. उन्होने मृत तेंदुआ का निरिक्षण किया.

    संबंधित तेंदुआ के सभी अवयव सुरक्षित होने से तथा मृत तेंदुआ व घटनास्थल के परिस्थिति का मुआयना करने पर संबंधित तेंदुआ की मुत्यु आपसी संघर्ष में होने का प्राथमिक अनुमान पशुचिकित्सक डा. विनोद सुरपाम ने लगाया है. सभी उपस्थित अधिकारियों ने पुष्टि की कि यह अवैध शिकार का मामला नहीं है और लड़ाई के कारण बाघ और तेंदुए के शरीर पर चोटें आई हैं. 

    उपस्थित अधिकारी के समक्ष मौका पंचनामा कराया गया. वरिष्ठजनों के आदेशानुसार मध्यवर्ती काष्ट भंडार, सिंदेवाही में सुबह 10 बजे डॉ. विनोद सुरपम और डॉ. शालिनी लोंधे ने उक्त मृत तेंदुए का पोस्टमार्टम किया और आगे की जांच के लिए नर तेंदुए के नमूने (विसरा) नियमानुसार लिए गए.  उक्त तेंदुए (नर) का पोस्टमॉर्टम होने के बाद उक्त तेंदुए (नर) का वन अधिकारी एवं उपस्थित समस्त अधिकारियों एवं न्यायाधीश की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कर विधिवत निस्तारण किया गया. 

    मरेगांव गुंजेवाही और पवनपार उप-क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बाघों की बसें हैं और जंगल में जंगली जानवरों का अस्तित्व एक समस्या है. जिस क्षेत्र में ये देखे जा रहे हैं वहां एक डर है और इस तरह की घटनाओं के कारण, क्षेत्र में इस बात की प्रबल मांग है कि वन विभाग इन बाघों का बंदोबस्त करे. 

    नमूनों को पोस्टमार्टम के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने और पशु चिकित्सा अधिकारी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट किया जाएगा.

    विशाल सालकर (वन परिक्षेत्र अधिकारी, सिंदेवाही)