चंद्रपुर: महाराष्ट्र सरकार ने धान उत्पादकों की उपज समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए महाराष्ट्र स्टेट को_आपरेटीव मार्केटिंग फेडरेशन लि. के माध्यम से जिले में केन्द्र दिए गए है जहां किसानों के साथ आर्थिक लूट होने का आरोप महाराष्ट्र तेली समाज संघर्ष आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक योगेश समरित ने लगाया है. उन्होने मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को निवेदन प्रेषित कर जांच की मांग की है.
समरित का कहना है कि नागभीड़ में धान खरीदी विगत 17नवंबर से शुरू हुई है. एक महीने में केवल 122 किसानों के धान का मापन हुआ है. केन्द्र पर 1500 किसानों ने अपना सातबारा का पंजीयन किया गया. एक माह में 122 किसानों का ही मापन होने से अन्य किसानों के लिए कितने दिन लगेगे यह प्रश्न है. कछुआ गति से धान का मोजमाप किया जा रहा है. वहीं रात के समय कुछ व्यापारियों के धान का मोजमाप किया जा रहा है.
व्यापारी कौनसा सातबारा दे रहे है इसकी भी जांच होनी चाहिए जबकि किसानों को सूचित किया गया है कि जब तक उनके फोन पर मैसेज नहीं आता वें माल लेकर नहीं आये. इतना ही नहीं एक बोरे में 40.580 किलो धान लिया जाना चाहिए परंतु ऐस नहीं करते हुए शासकीय धान खरीदी केन्द्र नागभीड़ में एक बोरे में 42 किलो धान लिया जारहा है और किसानों को 40.580 किलो की राशि दी जा रही है.इस तरह से किसानों की लूट मची हुई है.
समरित की मांग है कि जिन किसानों ने अपना सातबारा जमा किया है उन्हें प्राथमिकता देकर उनका अनाज खरीदी किया जाए. विविध कार्यकारी सेवा सहकारी सोसायटी नागभीड़ को धान खरीदी की जो मंजूरी रद्द कर दी है उसे फिर से बहाल की जाए. ऐसी मांग समरिति ने मुख्यमंत्री से की है.