पशु अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं, 1 वर्ष से चपरासी कर रहा मवेशियों का उपचार

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    शंकरपुर. शंकरपुर में एक पशु अस्पताल है. किंतु यहां एक साल से कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं है, इसकी वजह से चपरासी एक साल से अधिक समय से बिना किसी अनुभव के जानवरों की जांच कर रहे हैं.  इसलिए शंकरपुर क्षेत्र के किसानों ने  पशु चिकित्सालय में जल्द से जल्द विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति करने की मांग की है.

    शंकरपुर और उसके आसपास के जानवर विभिन्न बीमारियों से संक्रमित हो रहे हैं और उन्हें इलाज के लिए शंकरपुर के पशु चिकित्सालय में लाया जाता है. लेकिन  यहां कोई डॉक्टर नहीं है, जानवरों का इलाज एक चपरासी द्वारा किया जाता है. जिसे कोई अनुभव नहीं है इससे किसानों में पशुओं को कम ज्यादा होने का डर बना रहता है.  इस अस्पताल में गर्भधारण धान के लिए आने वाली गाय, भैंस, बकरी आदि जानवरों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा किया जाना चाहिए. किंतु पशु चिकित्सक न होने से पशुओं का उपचार कैसे किया जाये यह सवाल है.

    चिमूर तहसील और शंकरपुर में किसी प्रकार के उद्योग न होने की वजह से अधिकांश लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है. कृषि के लिए पशुओं की आवश्यकता पडती है. साथ ही अनेक किसान पूरक व्यवसाय के रुप में दुग्ध व्यवसाय करते है. ऐसे में पशुओं के बीमार होने का प्रमाण अधिक रहता है. किंतु यहां पर एक वर्ष से पशु चिकित्सक न होने की वजह से किसान और पशुपालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

    चिमूर तालुका के शंकरपुर में श्रेणी 1 पशु अस्पताल होने के बावजूद, इस जगह पर एक साल से डॉक्टर न होने से क्षेत्र के किसानों के लिए एक बडी परेशानी का कारण बना है. इसलिए जनप्रतिनिधियों से इस ओर ध्यान देकर यहां पर पशु चिकित्सक की नियुक्ति कर तत्काल किसानों के पशुओं के उपचार की व्यवस्था कराये