अब बल्लारशाह से देश के किसी भी कोने में चलेगी ट्रेन

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    • पिटलाईन का काम हुआ पूरा
    • रेलयात्रियों का बरसों का सपना साकार

    बल्लारशाह: बल्लारशाह रेलवे स्टेशन पर बहुप्रतीक्षित पिटलाईन का काम आखिरकार पूरा हो चुका है. आगामी एक सप्ताह के भीतर यह पिटलाईन रेलवे को हस्तांतरण कर दी जाएगी. पिटलाईन का काम पूरा होने के साथ ही रेल यात्रियों का देश के किसी भी कोने में स्वतंत्र ट्रेन का सपना भी अब साकार रूप ले सकता है. यहां से शुरू होनेवाली हर नई ट्रेन का लाभ केवल चंद्रपुर जिले के यात्रियों को ही नहीं बल्कि गडचिरोली, यवतमाल, महाराष्ट्र से सटे तेलंगाना और वर्धा जिले के यात्रियों को होगा.

    पिटलाईन की व्यवस्था होते ही मध्य रेलवे सबसे पहले यहां से आगामी 11 अप्रैल से प्रायोगिक तौर पर समर स्पेशल के तौर पर बल्लारशाह से दादर के लिए ट्रेन चलाने जा रहा है. यह ट्रेन प्रायोगिक तौर पर सप्ताह में तीन दिन के लिए शुरू हो रही है. इसी तरह भविष्य में कोलकत्ता, चेन्नई, बैंग्लौर, नई दिल्ली समेत सभी क्षेत्रों लिए ट्रेन शुरू हो सकती है. 

    बल्लारशाह रेल स्टेशन का बढेगा महत्व

    उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के अंतिम छोर पर स्थित बल्लारशाह जंक्शन का नाम पूरे देश में प्रसिध्द है. यह मध्यरेलवे, दक्षिण मध्य रेलवे, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे इन तीनों जोनों का संपर्क केन्द्र है. इसलिए यह इंटरचेंज पाईन्ट भी है. वर्तमान समय में दक्षिण से होकर नई दिल्ली और नई दिल्ली से दक्षिण की ओर जानेवाली सभी ट्रेनों का बल्लारशाह में स्टापेज है.

    हालांकि चंद्रपुर शहर जिले का मुख्यालय परंतु बल्लारशाह का महत्व चंद्रपुर से अधिक है. इस पिटलाईन की सुविधा ने बल्लारशाह रेलवे स्टेशन की उपयोगिता में और भी इजाफा कर दिया है. भविष्य में यहां देश के प्रमुख शहरों मुंबई, हावडा, चेन्नई, अहमदाबाद जैसे क्षेत्रों के लिए ट्रेनों का लाभ प्राप्त होने पर बल्लारशाह रेलवे स्टेशन की गिनती देश के ए श्रेणी के चुनिंदा प्रसिध्द स्टेशनों में होगी. 

    दादर के बजाय सीएसटी तक चले ट्रेन

    फिलहाल तो मुंबई के लिए प्रायोगिक तौर पर शुरू हो रही ट्रेन को लेकर रेलवे यात्री काफी हर्षित है. हालांकि देखा जाए तो यह ट्रेन बल्लारशाह से दादर के बजाय बल्लारशाह से सीएसटी मुंबई तक होनी चाहिए क्योकि इससे कैन्सर मरीज यात्रियों से लेकर सभी को इसका लाभ प्राप्त हो सकता है. कोरोना संकट के पूर्व यहां से लिंक एक्सप्रेस के रूप में जो सेवाग्राम एक्सप्रेस चलती थी वह सीएसटी मुंबई तक जाती थी.

    शुरू में इसके मात्र दो ही कोचेस आरक्षित थे परंतु निरंतर डिमांड बढने के कारण आरक्षित कोचेस को बढाकर छह कर दिया गया था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के यात्रियों को सीएसटी तक ट्रेन कितनी उपयोगी है. समर स्पेशल दादर तक चलेगी जहां लोकल पकडकर यात्रियों को आगे के स्टेशनों की ओर जाना होगा. ऐसे में कैन्सर पीड़ित मरीजों की कितनी फजीहत होगी इसका अंदाज लगाया जा सकता है.

    लगभग 16 घंटे के आधे अधुरे इस सफर की वजह से प्रायोगिक तौर पर शुरू हो रही बल्लारशाह_दादर समर स्पेशल को यात्री मिल पायेगे इस को लेकर अंदेशा जताया जा रहा है अधिकांश रेलयात्रियों की अब भी यही डिमांड है कि यदि शुभारंभ ही करना है तो प्रयोग करने के बजाय सीधे तौर पर बल्लारशाह से सीएसटी के लिए स्वतंत्र ट्रेन की व्यवस्था कर दी जाए. या फिर नागपुर से चल रही सेवाग्राम को यहां से शुरू कर यहां शुरू की जा रही समर स्पेशल बल्लारशाह-दादर को नागपुर से चलाया जाए. रेलयात्रियों की सुविधा को देखते हुए मध्य रेलवे ने ट्रेन शुरू करने के पूर्व इस पर गंभीरता से पुनर्विचार किए जाने की आवश्यकता है.

    पिटलाईन से बढेगा महत्व-अहीर

    पूर्व केन्द्रीय गृहराज्यमंत्री हंसराज अहीर के कार्यकाल में ही पिटलाईन को मंजूरी मिली थी. उन्होने कहा कि पिटलाईन की व्यवस्था उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था. जो कि साकार हुआ है. अब पिटलाईन होने से पुणे, मुंबई के लिए ट्रेने शुरू हो रही है भविष्य में कोलकत्ता, मद्रास, बैंग्लौर, दिल्ली के लिए भी ट्रेनें चलेगी. पिटलाईन से बल्लारशाह रेल स्टेशन को अनन्यसाधारण महत्व प्राप्त होगा इसमें कोई शंका नहीं है. देश के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों में यह गिना जाएगा.