घोषणाओं की गर्जना में ओबीसी का चक्का जाम आंदोलन, जिलाभर से हजारों ओबीसी आंदोलन में दाखिल

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    • सभी राजनितिक पार्टीयां ओबीसी आरक्षण हेतु आवाज बुलंद करे- जिवतोडे 

    चंद्रपुर. पिछले कई वर्ष से ओबीसी के मांगे व समस्याए प्रलम्बित है. केंद्र सरकार लगातार ओबीसी का आरक्षण कम करने का षडयंत्र रचा जा रहा है. जिससे ओबीसी समाज पर लगातार अन्याय हो रहा है. ओबीसी की जातनिहाय जनगणनन का विरोध कर ओबीसी संवैधानिक अधिकार व अधिकारी से वंचित रखा जा रहा है इसलिए सभी राजनितिक पार्टी ने ओबीसी आरक्षण लागू कराने के लिए सभी राजनितिक पार्टीयों ने आवाज उठाना चाहिए ऐसा प्रतिपादन ओबीसी नेता डा. अशोक जिवतोडे ने चक्का जाम आंदोलन के दौरान किया. ओबीसी के प्रलम्बित मांगो को लेकर सोमवार की दोपहर 12 बजे वरोरा नाका चौक में चक्का जाम आंदोलन किया गया. जिससे करिबन आधा घंटा मार्ग का यातायात अवरूध्द रहा. 

    आंदोलन के दौरान ओबीसी समाज की जातनिहाय जनगनना किए जाने, स्थानीय स्वराज संस्था का ओबीसी का राजनितिक आरक्षण मिलने तक चुनाव ना लेने, ओबीसी समाज के विद्यार्थियों के लिए स्वतंत्र छात्रावास शुरू करने, ओबीसी विद्यार्थियों को 100 प्रति स्कालरशीप दिए जाने तथा पिछले 2 वर्ष से मैट्रीक पूर्व स्कालरशीप नही दी गई उसे त्वरित विद्यार्थियों के खाते में जमा करने, राज्य सरकार ने त्वरित वर्ग 3 व 4 श्रेणी की पदभरती जल्द से जल्द किए जाने, बगैर आदिवासी वनपट्टे के लिए तीन पिढीयों की शर्त त्वरित रद् करने, केंद्र में ओबीसी का स्वतंत्र मंत्रालय शुरू करने, एस.सी. व एस. टी. किसानों की तरह ओबीसी किसानों को शासकीय योजना त्वरित शुरू कराने, केंद्र सरकार ने क्रिमीलेअर की मर्यादा बढाने आदी मांगो को लेकर यह आंदोलन किया गया. 

    आंदोलन पश्चात स्थानीय प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपती, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सामाजिक न्याय मंत्री, पंचायतराज मंत्री, अर्थमंत्री, विपक्ष नेता आदीं को ज्ञापन सौपा गया. 

    ओबीसी नेता डॉ. अशोक जीवतोडे के नेतृत्व में हुवे आंदोलन में राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ  महासचिव सचिन राजुरकर, दिनेश चोखारे, नितिन कुकडे, अशोक पोफले, रविकांत वरारकर, राजेंद्र खाडे, आशीष महातले, संजय सपाटे, विनायक बोढाले, जोत्सना लालसरे, रवि देवालकर, रविंद्र टोंगे, अनिल शिंदे, सुर्यकांत खनके, रवि जोगी, मंजुला  डुडुरे, लिलाधर खंगार, दिगांबर चौधरी, श्रीपद मटाले, गणेश आवारी, पारस पिंपलकर, विजय मालेकर, रामराव हरडे, अंकुश कौरासे, पारखी, राजकुमार नागापुरे, रोशन पचारे, प्रेमानंद जोगी, नितिन खरवडे, राकेश खुसपुरे, विठोबा पोले, आनंद चलाख, राकेश पिंपलकर, सिताराम बावनकर, शिवशंकर कोरे, दौलतराव सोनारकर, योगेश पेंटेवार, बंडू लांडे, भास्कर जीवतोडे, दिपक मेंढे, कमलाकर धानोरकर, दिलीप हेपट, प्रविण जोगी, तथा जिले भर से हजारो ओबीसी सहभागी हुवे थे. आंदेालन के दौरान पुलिस का पुख्ता बंदोबस्त लगाया गया था. 

    23 मार्च 2022 को न्यू दिल्ली के जंतरमंतर मैदान पर राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ की ओर से देशस्तरीय धरणे आंदोलन करने की जानकारी महासचिव सचिन राजुरकर ने दी. 

    व्याहाड खुर्द में ओबीसी समाज का चक्का जाम आंदोलन 

    तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपती, प्रधानमंत्री, सीएम को भेजा ज्ञापन 

    जातनिहाय जनगणना, स्थानीय स्वराज संस्था में ओबीसी को राजनितिक आरक्षण व अन्य मांगो को लेकर सावली तहसील व व्याहाड खुर्द में आंदोलन किया गया. सोमवार की दोपहर 12 बजे सावली तहसील के व्याहाड खुर्द के गडचिरोली चंद्रपुर हाईवे पर यह आंदोलन किया गया. 

    आंदोलन के पश्चात स्थानीय तहसील प्रशासन की ओर से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सामाजिक न्याय मंत्री, पंचायत राज मंत्री, अर्थमंत्री विपक्ष नेता आदी को ज्ञापन भेजा गया. आंदोलन में ओबीसी महासंघ के नेता सावली तहसील अध्यक्ष कविंद्र रोहणकर के नेतृत्व में किए गए आंदोलन में अविनाश पाल, अर्जुन भोयर, सतीश बोमावार, तुलसीदास भुरसे, दादाजी किनेकर, किशोर घोटेकर, हिवराज शेरकी, प्रशांत चिटनुरवार, नामदेव भोयर, निलेश मशाखेत्री, प्रतिभा बोबाटे, छाया चकबनडवार, निलम सुरमवार समेत कई नागरिकों ने भाग लिया था.