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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    • पुलिस की टीमों की दबिश शुरू

    चंद्रपुर.  बैंकिंग क्षेत्र में अग्रणी भारतीय स्टेट बैंक में जिले में 14.26 करोड़ का घोटाला उजागर होने के बाद बैंक से बड़ा लोन उठाने वाले बिल्डरों में हड़कम्प मचा हुआ है. इस मामले में गिरफ्तार 3 बैंक अधिकारियों का पुलिस रिमांड आज बुधवार को समाप्त होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किए जाने पर न्यायिक हिरासत में रखने के आदेश दिए गए है. जबकि इसी मामले में अन्य 12 गिरफ्तार पहले से न्यायिक हिरासत में है और उनकी भी जमानत आज मंजूर नहीं हुई है. 

    कमीशनखोरी के चक्कर में फर्जी कागजाद बनाकर योग्यता से अधिक ऋण मंजूर कर बैंक को करोड़ों की चपत लगाए जाने के इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने अब तक कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 3 बैंक अधिकारियों का समावेश है.

    इस मामले में पुलिस द्वारा अब तक गिरफ्तार आरोपियों में एसबीआई की बापट नगर शाखा के एटीएम प्रबंधक पंकजसिंह किशोरसिंह सोलंकी, बैंक के कवठाला शाखा प्रबंधक विनोद केशवराव लोटलवार, तथा बैंक की अकोला शाखा में कार्यरत देवीदास श्रीनिवास कुलकर्णी समेत फर्जी कागजातों पर कर्ज उठाने वाले श्वेता महेश रामटेके, बाबुपेठ, वंदना विजय बोरकर, नगिनाबाग़, योजना शरद तिरणकर, डीएसके ग्रीन म्हाडा कॉलनी, शालिनी मनीष रामटेके, भद्रावती, मनीषा विशाल बोरकर, भद्रावती, वृंदा कवडू आत्राम, डीएसके कॉलोनी वरोरा, राहुल विनय रॉय, माजरी, गजानन दिवाकर बंडावार, धाबा, राकेशकुमार रामकरण सिंह, सास्ती, गणेश देवराव नैताम, कोसारा तथा गीता गंगादीन जागेट, घुग्घुस का समावेश है.

    गिरफ्तार तीनों बैंक अधिकारियों ने जमानत के लिए याचिका दायर की परंतु आज याचिका स्वीकार नहीं हुई. गुरूवार को याचिका पर सुनवाई हो सकती है. फिलहाल तीनों अधिकारियों को जेल में रहना होगा. इसी तरह इसी मामले में गिरफ्तार 12 लोगों ने भी जमानत के लिए अर्जी दी थी परंतु उनकी याचिका नामंजूर की गई है. इस मामले में और चार से पांच बैंक अधिकारी शामिल होने की संभावना जिनकी गिरफ्तारी के लिए मुंबई, नागपुर, अकोला आदि क्षेत्रों में पुलिस की टीम ने दबिश दी. परंतु अब तक कोई गिरफ्तार नहीं हुई. 

    बैंक के लोन मामले में संपत्ति का मूल्यांकन करने के लिए बैंकों द्वारा अधिकृत वेल्यूअर नियुक्त किया जाता है. ऐसे में बैंक के वेल्यूअर पर भी गाज गिर सकती है. लोन के इस फर्जीवाडे में शामिल कई अन्य बिल्डर पुलिस की राडार पर होने से रियल इस्टेट और अन्य क्षेत्र से जुडे लोगों में हड़कम्प मचा हुआ है.

    हैरत की बात तो यह है कि जिन 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें से किसी की भी इतना बड़ा लोन लेने की क्षमता नहीं है. सभी निम्न आय वाले है. इन लोगों के दस्तावेजों का आधार लेकर लोन लिया गया. इनमें से कई तो पूरी तरह से अनजान है कि उनके दस्तावेजों का कैसे इस्तेमाल हुआ है. इस बीच जिन जिन लोगों के लोन घपला पाया गया है ऐसे लोनधारकों और प्रापर्टी खरीददारों की बैंक ने प्रापर्टी सीज कर दी है.