कारवा वनक्षेत्र में पर्यटकों के लिए सफारी शुरु, पहले दिन ही बाघ देखकर गदगद हुए पर्यटक

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    चंद्रपुर. संयुक्त वनव्यवस्थापन समिति के सहयोग से वनक्षेत्र में पर्यटकों के लिए सफारी पर्यटन बल्लारशाह वनपरिक्षेत्र के कारवा में आज गांव के वरिष्ठ नागरिक पांडुरंग मडावी के हाथें फीता काटकर किया गया है. प्रादेशिक वनविभाग में यह पर्यटन शुरु किया गया है. पर्यटन के माध्यम से जनता में जंगली जानवरों के प्रति आस्था निर्माण होकर जनसहयोग से वनव्यवस्थापन करना संभव हो इस उद्देश्य से सफारी पर्यटन शुरु किया गया है.

    आज सुबह के राउत में गए पर्यटकों को पहले दिन ही बाघ दिखाई देने से पर्यटकों को काफी उत्साह है और इसे क्षेत्र को बेहतर प्रतिसाद की अपेक्षा बल्लारपुर के वनपरिक्षेत्र अधिकारी संतोष थिपे ने व्यक्त की है.

    मध्य चांदा वनविभाग अंतर्गत आने वाला कारवा आदिवासी बहुल गांव है. हरे भरे घने जंगल केबीच बसे वनक्षेत्र में बाघ, तेंदुआ, जंगली भैंसा, भालू, जंगली बिल्ली, हिरण, चीतल, सांबर, नीलगाय, बारासिंगा, जंगली कुत्ते समेत 200 प्रकार के पक्षी और विविध रंग बिरंगी तितली है. इसी को देखते हुए ग्रामीणों के जनसहयोग से वन वन्यजीव व्यवस्थापन, मानव वन्यजीवन सहजीवन स्थापित करने, वनों की सुरक्षा कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव पारित किया गया. 

    50 किमी के पुराने बैलगाडी ओर कूप मार्ग का उपयोग कर पर्यटकों के लिए मार्ग तैयार किए गए है. पर्यटकों के लिए मार्ग के जाल कक्ष क्रं. 500, 495, 496 ,497, 498, 513, 515, 511, 510, 509, 499 से वापिस कारवा रोपवाटिका तक तैयार किया गया है. गांव के युवाओं को गार्डड का प्रशिक्षण दिया है जिससे उन्हे रोजगार मिला है. पर्यटकों से सफारी का लुत्फ उठाने की अपील आरएफओ थिपे ने की है