राज्य के ठेका कर्मचारी संगठित होकर महाराष्ट्र में आंदोलन करें: श्रीकुमार

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    चंद्रपुर. ठेका एवं आऊटसोर्सिंग द्वारा विभिन्न विभाग में सेवा देनेवाले कर्मचारी बिना किसी सेवा सुविधा के शासन का काम नियमित रूप से करते आ रहे है. इससे उनके काफी बुरे हाल है. उचित पारिश्रामिक नहीं मिल पा रहा है. कार्यस्थल पर हीन व्यवहार किया जाता है. नौकरी में किसी भी कोई गारंटी नहीं है. ऐसी अवस्था ठेका कर्मचारियों की है. इसलिए अपने न्याय अधिकारों के लिए महाराष्ट्र राज्य के सभी ठेका कर्मचारी संगठन होकर राज्यव्यापी आंदोलन करें ऐसे विचार अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव श्रीकुमार ने चंद्रपुर में आयोजित महाराष्ट्र राज्य ठेका एवं बाहयस्त्रोत कर्मचारी महासंघ के परिसंवाद कार्यक्रम में मार्गदर्शन करते हुए किया.

    ठेका कर्मचारियों के सर्वांगीण समस्या को सुलझाने के लिए एकजुट होकर जनआंदोलन के लिए महाराष्ट्र राज्य ठेका एवं बाहयस्त्रोत कर्मचारियों के महासंघ की ओर से कन्नमवार सभागार जिला परिषद चंद्रपुर में एक दिवसीय परिसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

    कार्यक्रम की प्रस्तावना जिला परिषद लिपीक वर्गीय कर्मचारी संगठन के राज्याध्यक्ष शालिक माऊलीकर ने रखी. कार्यक्रम में अध्यक्ष के रूप में अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव श्रीकुमार उपस्थित थे. प्रमुख अतिथि एवं मार्गदर्शक के रूप में महाराष्ट्र राज्य जिला परिषद कर्मचारी महासंघ के राज्य सचिव अशोक थूल, राज्य कर्मचारी मध्यवर्तीय संगठन के राज्याध्यक्ष अशोक दगडे, सीआईटीयू के जनरल सेक्रेटरी अरूण लाटकर ने उपस्थितों का मार्गदर्शन किया. 

    अशोक थूल ने अपने मार्गदर्शन में कहा कि ठेका कर्मचारियों को दबाव में काम करना पडता है. इसलिए अपनी नौकरी चली जाएगी इस डर के वे आंदोलन या संगठन स्थापित नहीं कर पाते है. ठेका कर्मचारियों ने अपने न्याय अधिकारों के लिए सरकार के समक्ष अपनी बात रखने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए और ना ही कोई डर अपने मन रखना चाहिए.  

    अशोक लाटकर ने मार्गदर्शन करते हुए कहा कि सभी क्षेत्र में ठेकाकरण और आऊटसोर्सिं का प्रमाण बढ गया है. ठेका कर्मचारियों को स्वतंत्र देश में शोषण सहना पड रहा है. इसका भविष्य में काफी गंभीर परिणाम हो सकता है. इस परिस्थिति का सामना करते हुए बिना डरे एकजुट होने की आवश्यकता है. अशोक दगडे ने कहा कि देश में 80 प्रश असंगठित कामगार है. बढते निजीकरण का विरोध करने के लिए जनआंदोलन खडा करें. 

    कार्यक्रम में जिला परिषद, पंचायत समिति, जिलाधिकारी कार्यालय, जिला सामान्य अस्पताल, महानगर पालिका इसके अलावा विभिन्न शासकीय विभाग के ठेका और बाहयस्त्रोत कर्मचारी बडी संख्या में उपस्थित थे.

    कार्यक्रम का संचालन एनआरएचएम के राकेश नाकोडे ने किया. कार्यक्रम की सफलतार्थ कृष्णकांत खानझोडे, प्रवीण खंडारे, सूर्यकांत भडके, दिलीप चौधरी, प्रवीण नागपुरे, अरूण चौधरी, प्रवीण कुमरे, नरेंद्र नगराले, अर्शिया शेख, सुनील नुत्तलवार, लारेन्स खोब्रागडे, हर्षवर्धन गजभिये आदि ने प्रयास किए.