In Maharashtra, 65 people died in just 9 months in wild animal attacks, 23 tigers died in 6 months, the state government said
File Photo: Twitter

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  • बैल की जान बचाने के चक्कर में गई जान

चंद्रपुर/ चिमूर: ब्रम्हपुरी वनविभाग ब्रम्हपुरी के चिमूर वनपरिक्षेत्र के शंकरपुर के समीपस्थ स्थित डोमा के एक चरवाहे को बाघ ने अपना शिकार बनाया. यह घटना आज शनिवार को सामने आयी. 

प्राप्त जानकारी अनुसार डोमा ग्राम निवासी डोमलू रामाजी सोनवाणे 65 हमेशा की तरह डोमा बिट के कंपार्टमेंट क्र. 474 में मवेशी चराने के लिए शुक्रवार 14 जुलाई को जंगल में गया था. मात्र शाम होने पर मवेशी तो लौट आये परंतु चरवाहें का कुछ भी पता नही था. रात काफी होने से चरवाहे को लेकर लोगों में अलग अलग चर्चा शुरू हो गई. इसकी सूचना तुरंत वनविभाग को दी गई.

आज सुबह परिसर में पहुंचकर खोजबीन की गई तो परिसर में एक बैल मृत अवस्था में बाघा द्वारा खाये जाने की स्थिति में मिला. कुछ ही दूरी पर चरवाहे डोमलू सोनवणे की लाश भी नजर आयी. बाघ बैल को पूरा खा चुका था उसके कुछ अवयव ही नजर आ रहे थे जबकि मृतक के गर्दन और सिर पर बाघ के दांतों के निशान थे, उसका पूरा शरीर सही सलामत था. अनुमान यह लगाया जा रहा है कि बैल को बचाने के चक्कर में चरवाहा बाघ के हमले का शिकार हुआ और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. चूंकि बाघ नरभक्षक नहीं होने से उसने मृतक के शरीर को नहीं खाया.

इस घटना की जानकारी वनविभाग को दी गई. वनपरिक्षेत्र अधिकारी देऊलकर, वनपाल पोरते, वनरक्षक विशाल सोनुले, वनमजदूर प्रदीप ढोणे ने घटनास्थल पर पहुंचकर पंचनामा किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए उपजिला अस्पताल चिमूर रवाना किया. मृतक के परिजनों को तत्काल 25 हजार रुपये की मदद की गई. घटना स्थल पर कैमरे लगाये गए है. परिसर में वन्यजीव मौजूद होने से चरवाहे और जंगल के आसपास किसानों को सतर्कता रखने के आदेश वनविभाग की ओर से दिए गए है. सप्ताह भर में यह वन्यजीव के हमले में दूसरी मौत है. इससे पूर्व नागभीड़ तहसील के आकापुर की महिला देवता को बाघ ने अपना शिकार बनाया था.