राजुरा. कविटपेठ गांव के पास कपास की फसल का निरीक्षण करते हुए विजयकुमार देठे को बाघ के पगमार्क दिखाई दिए. इसकी जानकारी उन्होंने आस पास के किसानों को दी तो पगमार्क देखने वालों की भीड जुट गई.
किसानों का अनुमान है कि खेत में मिल पगमार्क शुक्रवार सुबह के है. इसकी सूचना वनविभाग को दी है किंतु सूचना के बावजूद वनविभाग की टीम ने ध्यान नहीं दिया है. इससे किसानों में रोष फैल रहा है.
पिछले साल कविटपेठ के एक चारवाहे को एक बाघ ने गंभीर रूप से घायल कर दिया था. गनीमत रही कि उस चारवाहे की जान बच गई. हालांकि इस साल भी गांव में घर के पास बाघ के पगमार्क देखे गए, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. ऐन खेती के मौसम में बाघ की दहशत के बीच खेती कैसे करें यह सवाल किसानों के सामने है.
ग्रापं सदस्य आनंद देठे ने कहा कि शाम के समय गांव के आस पास घुमते बाघों के कारण ग्रामीणों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. क्षेत्र में आजीविका का एकमात्र स्रोत कृषि है. इसलिए, वन विभाग को तुरंत बाघ की व्यवस्था करनी चाहिए.