सेप्टिक टैंक गैस मामले में वेकोलि सुपरवाइजर और ठेकेदार गिरफ्तार

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    • मृतक के परिवारों को 21-21 लाख का आश्वासन

    राजुरा. वेकोलि बल्लारपुर क्षेत्र अंतर्गत सास्ती धोपटाला टाउनशीप में सेप्टिक टैंक सफाई के दौरान गैस की वजह से दो की राजुरा में और एक की नागपुर में मौत हो गई. इस घटना के बाद 22 मार्च की शाम 7 बजे दोनों शवों को सीजीएम कार्यालय के सामने रखकर मुआवजा और मृत परिवार के सदस्यों को नौकरी की मांग की.

    इसकी वजह से कार्यालय के सामने तनाव का वातावरण फैल गया. अंतत: रात 10 बजे मृतकों के आश्रितों को 21 लाख रुपए और ठेका नौकरी का आश्वासन देकर मृतकों के अंतिम संस्कार के एक एक लाख रुपए तुरंत और बकाया राशि सीजीएम कार्यालय की मंजूरी के बाद देने का आश्वासन दिया. इस घटना में पुलिस ने वेकोलि के सुपरवाइजर और ठेकेदार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

    वेकोलि बल्लारपुर क्षेत्र की सास्ती धोपटाला टाऊनशिप में मंगलवार की सुबज 9 बजे के दौरान लगभग  8 से 10 फुट गहरे सेप्टिक टैंक में सफाई करने के लिए उतरे वेकोलि के ठेका मजदूर सुभाष खंडालकर, राजु जंजर्ला की चंद्रपुर अस्तपाल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई. इसके बाद वेकोलि कर्मी सुशील कोरडे की नागपुर जाते समय मौत हो गई. चंद्रपुर जाते समय मरने वालों के शवों को वेकोलि सीजीएम कार्यालय के सामने रखकर प्रदर्शन शुरु किया.

    इस दौरान वेकोलि की ओर से पीडित परिवारों को 21-21  लाख और ठेकेदारी से नौकरी का आश्वासन दिया गया. जिसके बाद दोनों के शवों को वहां से हटाया गया.  इस मामले में वेकोलि सुपरवाइजर जवाहर नगर निवासी कार्तिक बोबडे (25) डोहेवाडी निवासी ठेकेदार अरविंद रामप्रभाव पांडे (45) के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर मंगलवार की रात गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. आज शाम मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया. मामले की जांच एसडीपीओ राजा पवार के मार्गदर्शन में थानेदार चंद्रशेखर बहादुरे, एपीआई दरेकर, संदीप बुरडकर कर रहे है. इस घटना में घायल वेकोलि कामगार प्रमोद वाभिटकर ओर गांव के सफाई कामगार शंकर आंदगुला की हालत स्थिर बनी है.

    वेकोलि कामगार संगठना की मांग

    वेकोलि की आयटकर, बीएमएस, इंटक और एचएमएस चारों श्रमिक संगठनाओं ने उपक्षेत्रीय व्यवस्थापक से मिलकर निवेदन देकर इसे अत्यंत गंभीर मामला बताते हुए नियमानुसार अतिरिक्त 15 लाख रुपए मदद और काम के दौरान मृत्यु होने से श्रमिक क्षतिपूर्ति अधिनियम के मिलने वाले सभी लाभ एक महीने के भीतर, मृतकों के आश्रितों को तुरंत नौकरी और दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. आगे से सिवरेज टंकी सफाई का काम मशीन और प्रशिक्षण प्राप्त कामगारों से कराने की मांग की है.