नागपुर: महाराष्ट्र विधानसभा के शीत सत्र के अंतिम दिन सीएम एकनाथ शिंदे ने सदन में कई परियोजनाओं को मंजूरी दी। इस दौरान उन्होंने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर भी तंज कसा। परियोजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए शिंदे ने कहा कि, हमने 70,000 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें से 44,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं अकेले विदर्भ में हैं। इन परियोजनाओं से विदर्भ में 45,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
We have approved investment projects worth Rs 70,000 crores, of which projects worth Rs 44,000 crores are in Vidarbha alone; 45,000 people will gain employment due to this: Maharashtra CM Eknath Shinde in State Assembly today pic.twitter.com/3Qq19vgzyS
— ANI (@ANI) December 30, 2022
‘…हमने मुख्यमंत्री बदल दिया’, उद्धव ठाकरे को घेरा
सत्र के आखिरी दिन, उद्धव ठाकरे पर तंज कसते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘ऐसा मुख्यमंत्री दिखाओ जो ढाई साल से बाहर नहीं आया और इनाम लेकर जाओं, इसलिए हमने मुख्यमंत्री बदल दिया है।’ मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि, ढाई साल में आपने विदर्भ के लिए क्या फैसला लिया। विदर्भ में एक किसान को एक अच्छे वाहन में यात्रा करनी चाहिए। किसान हवाई जहाज से यात्रा करें। इसलिए हम तालुकों में हवाई अड्डे शुरू कर रहे हैं।
पूर्व सीएम को घेरते हुए उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री कैसे हेलीकॉप्टर से खेत जाते थे। हेलीकॉप्टर से जा रहा एक और सीएम दिखाओ और इनाम पाओ। मैं कहता हूं कि दिखाओ कि आखिरी मुख्यमंत्री कब बाहर गए और इनाम लेकर जाओ।
अजीत पवार पर तंज
मुख्यमंत्री ने कहा कि, अजीत दादा से कल के फैसले का स्वागत होने की उम्मीद थी। लेकिन आप गिन रहे थे कि हमारे भाषण को कितनी तालियां मिलीं। दादा ने नहीं सोचा था कि हम इतना बड़ा फैसला लेंगे। उन्होंने मजाक में यह भी कहा कि, उन्होंने हमारी सरकार के काम की गति देखी है।
‘…इसलिए हम रेशम बाग गए थे, गोविंद बाग नहीं’: शिंदे
मुख्यमंत्री ने कहा कि, ढाई साल में सिर्फ एक प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ और हमने 18 प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी। गलती सुधारने से ही आदमी सुधर जाता है। उन्होने काही की, प्रबोधनकार ठाकरे के पोते ने लिंबू टिम्बू की भाषा बोलना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि, रेशीम बाग़ में जाने के बाद कई लोगों ने हम पर निशाना साधा। उन्होंने यह भी कहा कि, बालासाहेब ठाकरे के विचारों पर काम करने के लिए हम रेशम बाग गए थे, गोविंद बाग नहीं।