मुंबई: बुधवार से गणेशोत्सव शुरू हो गया है। इस मौके पर कई राजनीतिक नेता एक-दूसरे के घर गणेश के दर्शन के लिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी कल से ही ठाणे और मुंबई में कई सार्वजनिक निकायों, राजनीतिक नेताओं, उद्योगपतियों के घरों में गणेश दर्शन के लिए जा रहे है। इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde ) गणेश दर्शन के लिए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) के शिवतीर्थ पहुंचे। राज्य में सत्ता बनाने के बाद एकनाथ शिंदे पहली बार राज ठाकरे के आवास पर गए। मुख्यमंत्री के इस दौरे को आगामी गठबंधन की पृष्ठभूमि के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पहले सुबह मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास पर गणेश दर्शन करने के लिए गए थे।
करीब 4 बजकर 25 मिनट पर एकनाथ शिंदे राज ठाकरे के दादर स्थित घर ‘शिवतीर्थ’ पहुंचे। शिवतीर्थ राज ठाकरे के नए घर का नाम है। यहां पहली बार राज ठाकरे ने गणपति बप्पा की मूर्ति बैठाई है। हालांकि, मुख्यमंत्री राज ठाकरे के घर गणपति बप्पा का दर्शन के लिए पहुंचे लेकिन उनकी मुलाकात के बात कई कयास लगाए जा रहे है।
कोई भी राजनीतिक चर्चा नहीं हुई
राज ठाकरे के घर से निकल कर सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘गणेश उत्सव के दौरान हम एक दूसरे के घर आते-जाते हैं। गणराया का दर्शन करने मैं यहां आया था। उनकी सर्जरी भी हुई थी। उनका हाल-चाल पूछना था और गणपति दर्शन करना था। यह एक सदिच्छा भेंट थी। राजनीति पर कोई बात नहीं हुई। चर्चा में पुरानी बातों की यादें ताजा हुईं। आनंद दिघे साहेब की बातें भी याद की गईं। उनका भी दिघे साहेब से अच्छा रिश्ता था। साफ तौर पर बता दूं कि कोई भी राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।’
बावनकुले और तावड़े ठाकरे से शिवतीर्थ में मुलाकात कर आए
इससे पहले, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और विनोद तावड़े राज ठाकरे से शिवतीर्थ में मुलाकात कर आए। कल ही बीजेपी के मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार भी गणपति दर्शन के लिए राज ठाकरे के घर गए थे। बीजेपी नेताओं की मुलाकात के बाद सीएम शिंदे राज के पास पहुंचे। जिससे राजनीतिक गलियारों में आगामी स्थानिक स्वराज्य संस्था में गठबंधन को लेकर कयास लगाए जा रहे है।
गौरतलब है कि, बीएमसी में पिछले 25 वर्षों से शिवसेना की सत्ता कायम है। इस बार एकनाथ शिंदे का गुट ने अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सत्ता बदलने के तैयारी में दिख रहे है। वहीं, राज ठाकरे से तेजी से हो रही मुलाकात के बाद यह साफ़ होते दिख रहा है। शिंदे गुट की शिवसेना, बीजेपी और राज ठाकरे की मनसे का समीकरण जुड़ता दिख रहा है।