नई दिल्ली: कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद संजय निरुपम को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह साल के लिए निष्कासित किया। पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों के बाद कांग्रेस नेता संजय निरुपम को 6 साल के लिए निष्कासित करने की मंजूरी दे दी है।
Congress President Mallikarjun Kharge approves the expulsion of Congress leader Sanjay Nirupam for 6 years after complaints of indiscipline & anti-party statements. pic.twitter.com/xGhPThk1wu
— ANI (@ANI) April 3, 2024
स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया था नाम
इससे पहले, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने मुंबई में पार्टी की प्रचार समिति की बैठक में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से कहा था कि कांग्रेस ने निरुपम का नाम स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया है और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। निरुपम ने कहा है कि वह गुरुवार को अपना रुख बताएंगे। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) द्वारा मुंबई की छह लोकसभा सीट में से मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट समेत चार के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद निरुपम ने कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा था।
संजय निरुपम ने क्या कहा था?
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले की प्रेस कांफ्रेस के बाद संजय निरुपम ने एक पोस्ट की। उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि कांग्रेस पार्टी मेरे लिए ज़्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट ना करे। बल्कि अपनी बची-ख़ुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल करे,पार्टी को बचाने के लिए करे। वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। मैंने जो एक हफ़्ते की अवधि दी थी, वह आज पूरी हो गई है। कल मैं खुद फ़ैसला ले लूंगा।
मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे निरुपम
बताया जाता है कि निरुपम मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। मुंबई उत्तर से सांसद रह चुके निरुपम ने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को शिवसेना (यूबीटी) के आगे दबाव में नहीं झुकना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि मुंबई में एकतरफा उम्मीदवार उतारने के शिवसेना (यूबीटी) के फैसले को स्वीकार करना कांग्रेस को बर्बाद करने की अनुमति देने के समान है। निरुपम एक समय शिवसेना में भी रह चुके हैं। उन्होंने 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी। उन्होंने उत्तर भारतीय फेरीवालों का मुद्दा उठाया था और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वर्ष 2009 के चुनाव में, उन्होंने मुंबई उत्तर सीट से जीत हासिल की थी।